600 में खरीदा गया 225 वाला किट, पीएम तुरंत करें कार्रवाई, देश कभी नहीं करेगा माफ

देश में कोरोना वायरस रैपिड किट्स की कीमत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना किट्स खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए पीएम मोदी से कार्रवाई की मांग की। उन्होंने इस भ्रष्टाचार को सभी देशवासियों का अपमान बताया। पार्टी के कई दूसरे नेताओं ने भी टेस्टिंग किट्स में मुनाफाखोरी का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में खराब पीपीई किट को योगी लेकर सरकार पर निशाना साधा है।

राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ”कोई इंसान अपने लाखों भाइयों और बहनों की अथाह पीड़ा से भी मुनाफा कमाने की कोशिश करेगा यह विश्वास और समझ से परे है। यह घोटाला हर भारतीय का अपमान है। मैं पीएम से अपील करता हूं कि भ्रष्टाचारी को न्याय में लाने के लिए तेजी से कार्रवाई करें।’ राहुल गांधी ने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स पर यह टिप्पणी की जिनमें कहा गया है कि आईसीएमआर को बेचे गए टेस्ट किट्स में 145 पर्सेंट मुनाफा कमाया गया।”

राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ”जब समूचा देश #Covid19 आपदा से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग अनुचित मुनाफा कमाने से नहीं चूकते। इस भ्रष्ट मानसिकता पे शर्म आती है, घिन आती है। हम PM से मांग करते हैं कि इन मुनाफाखोरों पर जल्द कड़ी कार्यवाही की जाए। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।” पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना टेस्टिंग किट में 166 प्रतिशत से अधिक की मुनाफाखोरी हुई है। एक टेस्टिंग किट की कीमत 225 रुपए है लेकिन इसे 600 रुपए की दर से खरीदा गया है। उन्होंने इसे शर्मनाक और अमानवीय कृत्य बताया है।

इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने भी सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की थी। पटेल ने ट्वीट किया था, ”हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले ने एक प्रासंगिक सवाल उठाया है- आईसीएमआर एंटीबॉडी टेस्ट किट 600 रुपये प्रति पीस क्यों खरीद रहा था, जिसे 245 रुपये में आयात किया गया था?” दिल्ली उच्च न्यायालय के कहने के बाद यह मामला सामने आया कि लोगों को यह आश्वासन दिया जाए कि महामारी नियंत्रण में है और सरकारों को फ्रंटलाइन लड़ाई में लगी एजेंसियों के लिए लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, कम लागत पर अधिक किट/परीक्षण उपलब्ध कराए जाने चाहिए।

प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मेडिकल कालेजों में खराब किट की खरीदे जाने पर हैरानी जताई और आरोप लगाया कि राज्य सरकार इस खरीद में हुए भ्रष्टाचार के उजागर होने से परेशान है। उन्होंने सवाल किया कि जो सरकार इस भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश में थी ,क्या वह दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने ट्वीट किया ”उत्तर प्रदेश के कई सारे मेडिकल कालेजों में खराब पीपीई किट दी गई थीं।

ये तो अच्छा हुआ सही समय पर वो पकड़ में आ गईं तो वापस हो गईं और हमारे योद्धा डाक्टरों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं हुआ। लेकिन हैरानी की बात ये है कि राज्य सरकार को ये घोटाला परेशान नहीं कर रहा है बल्कि ये परेशान कर रहा है कि खराब किट की खबर बाहर कैसे आ गई। ये तो अच्छा हुआ कि खबर बाहर आ गई वरना खराब किट का मामला पकड़ा ही नहीं जाता और ऐसे ही रफा-दफा हो जाता। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी।”

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