छत पर न रखें तुलसी का पौधा, बिना स्नान किए न तोड़ें पत्ते, नहीं तो बर्बाद हो जाएगा आपका परिवार

वास्तु शास्त्र में तुलसी के पौधे को सुखी जीवन एवं कल्याण का प्रतीक माना गया है। तुलसी का पौधा तमाम दोषों को दूर करता है। तुलसी का पौधा देवताओं की कृपा दिलाने में सहायक माना जाता है। तुलसी मां को राधा रानी का अवतार माना गया है। वास्तु में तुलसी से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में।

तुलसी के पौधे को घर की छत पर न रखें। इससे आर्थिक हानि की आशंका रहती है। तुलसी की पत्तियों को चबाने के बजाए, जीभ पर रखकर चूसना सही तरीका है। दही में तुलसी के कुछ पत्तों को मिलाकर खाने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों से राहत मिलती है और दिनभर शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। तुलसी के पौधे की रोजाना पूजा करने से घर के सदस्यों में चल रहे मनमुटाव दूर हो जाते हैं। तुलसी का पौधा रसोईघर के पास रखने से घर के सदस्यों में सामंजस्य बढ़ता है। यदि तुलसी की पत्तियों की बहुत जरूरत पड़ जाए तो तोड़ने से पहले पौधे को हिलाना न भूलें। तुलसी के पौधे का सूख जाना या फिर मुरझा जाना अशुभ माना जाता है। 


तुलसी का स्वास्थ्य के साथ धार्मिक महत्व भी है। सूर्यग्रहण, कििचन्द्रग्रहण एकादशी, संक्रांति, द्वादशी व शाम के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। रविवार और मंगलवार को भी तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही है। बिना नहाए कभी भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें। घर के आंगन में तुलसी सौभाग्य को बढ़ाती है। घर में यह पवित्र पौधा सभी दोष दूर करता है और वातावरण में सकारात्मकता बनाए रखता है। तुलसी का पौधा घर में लगाने से परिवार के सदस्यों की स्मरण शक्ति में वृद्धि होती है। तुलसी के पौधे के सम्मुख शाम को दीया जलाने से सुख-समृद्धि आती है। इस पवित्र पौधे के आसपास पवित्रता बनाए रखना बहुत जरूरी है। 

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