आज से वैष्णो देवी यात्रा शुरू, कोरोना टेस्ट बिना कटरा में दाखिल भी नहीं हो सकते है लोग

यूं तो जम्मू-कश्मीर अनलॉक हो चुका है। जम्मू में दुकानें भी खुली हुई हैं और मार्केट भी खुला है, लेकिन कटरा अनलॉक होने के बाद भी लॉक है। शुक्रवार दोपहर ढाई बजे जब मैं जम्मू एयरपोर्ट पहुंचा तो सभी यात्रियों को लाइन में लगा दिया गया। अलग-अलग विमानों से आए यात्रियों की लाइनें अलग-अलग थीं। बाहर से आए हर यात्री का कोरोना टेस्ट किया जा रहा था। टेस्ट की प्रॉसेस तो महज एक से दो मिनट की थी लेकिन इसके लिए यात्रियों की कतारें लंबी-लंबी लग रही थीं।

टेस्ट करवा रहे एयरपोर्ट कर्मचारियों से पूछा कि यह कौन सा टेस्ट है? तो बोले, रैपिड टेस्ट है। रिपोर्ट आधे घंटे में आपके फोन पर आ जाएगी। हम लाइन में आगे थे तो सवा तीन बजे फ्री हो गए। जो लोग पीछे लगे थे शायद वो एयरपोर्ट से और दो घंटे बाद निकल सके होंगे।

जम्मू एयरपोर्ट पर कोरोना टेस्ट करवाने के लिए लाइन में खड़े यात्री। कोरोना जांच के बाद ही कटरा में प्रवेश करने की अनुमति है।
खैर, टेस्ट करवाने के बाद मैंने जम्मू एयरपोर्ट से ही कटरा के लिए टैक्सी ले ली। जम्मू में कहीं कोई चेकिंग नहीं की गई। फिर हमारी गाड़ी को मूरी चेक पोस्ट पर रोक दिया गया। चेक पोस्ट पर पुलिस के साथ ही प्रशासन के अधिकारी बैठे थे, जो हर आने-जाने वाली की डिटेल नोट कर रहे थे। स्थानीय लोगों को आइडेंटिटी कार्ड देखने के बाद आने-जाने दिया जा रहा था लेकिन बाहर से आए लोगों के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट अनिवार्य थी, वो भी लेटेस्ट रिपोर्ट होनी चाहिए।

मैंने उन्हें बताया कि, एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग हुई है जांच भी हुई है उन्होंने रिपोर्ट आधे घंटे में फोन पर भेजने की बात कही है। इस पर अधिकारी ने कहा कि, आप घंटे बाहर ही इंतजार करें। बिना टेस्ट रिपोर्ट के कटरा की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकते। हमने चेक पोस्ट पर करीब एक घंटा इंतजार किया। एयरपोर्ट से मैसेज पर रिपोर्ट भी आ गई जो निगेटिव थी, लेकिन रिपोर्ट देखने के बाद भी अधिकारियों ने अंदर प्रवेश देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वालों को क्वारैंटाइन में जाना होगा।

रिपोर्ट आने के बाद भी आप बाहर से आने वालों को क्वारैंटाइन करेंगे तो फिर मां वैष्णोदेवी की यात्रा कैसे होगी? इस सवाल का अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था। 16 अगस्त से मां की यात्रा शुरू होने जा रही है। हर दिन 2 हजार भक्त दर्शन कर सकेंगे। इसमें 1900 जम्मू-कश्मीर राज्य के होंगे। सिर्फ 100 भक्त ही दूसरे राज्यों के हो सकते हैं। खैर, एडीएम से बातचीत करने पर लिखा-पढ़ी कर हमें अंदर जाने की अनुमति दी गई। कटरा की सीमा में पहुंचते ही जम्मू से एकदम बदला हुआ मौसम मिला। यहां बारिश तो नहीं हो रही लेकिन पहाड़ी के चलते मौसम में नमी है। न धूप तप रही है और न ही उमस है।

यह कटरा का रेलवे स्टेशन है, जो पूरी तरह सूना पड़ा है। यहां अभी कोई ट्रेनें नहीं आ रहीं।
कटरा में पहुंचे तो देखा कि सबकुछ बंद है। होटल, रेस्टोरेंट, चाय-पानी की दुकानें सबकुछ बंद दिखा। सड़क पर भी कोई नजर नहीं आ रहा था। मैं कटरा के ही एक साथी सुशील शर्मा के साथ था। वो यहां होटल संचालित करते हैं। उन्होंने बताया कि, जम्मू में तो जुलाई के पहले हफ्ते से ही लॉकडाउन हट गया लेकिन कटरा में सब बंद ही है। खास बात ये है कि यह बंद प्रशासन ने नहीं करवाया बल्कि लोगों ने खुद ही कुछ नहीं खोला। ऐसा क्यों? ये पूछने पर बोले, कटरा पूरा यात्रियों पर डिपेंड करता है।

2 किमी में फैले इस टाउन में दस से बाहर हजार लोग रहते होंगे। 90% लोगों की दाल-रोटी बाहर से आने वाले यात्रियों से ही चलती है। अब 18 मार्च के बाद से यात्री ही नहीं आ रहे तो तब से सबकुछ बंद ही है। बोले, मैं 40 साल का हो गया। अपनी जिंदगी में पहली दफा ऐसा देख रहा हूं। न जानें माता रानी क्यों नाराज हो गईं। फिर मुझसे बोले, आपके रुकोगे कहां? यहां तो सब बंद है और यदि रुकने का इंतजाम हो भी गया तो खाओगे कहां? कोई कमरा दे भी देगा तो किचन तो सारे होटलों के बंद ही हैं। मैंने कहा, आपके होटल में ही रुक जाएंगे। और हम खाने की व्यवस्था के साथ निकले हैं। हालांकि रात में हमने शर्मा जी के घर से आए टिफिन के स्वादिष्ट भोजन का लुत्फ उठाया।

ये कटरा के फाउंटेन चौक का नजारा है। यह शहर का मुख्य चौराहा है, पहले यहां चहल पहल रहती थी, लेकिन अभी सब बंद है।
शाम को हम घूमते हुए कटरा के फाउंटेन चौक पर पहुंचे। यह वो चौक है, जहां चौबीसों घंटे भीड़ लगी रहती थी। पैर रखने की भी जगह नहीं होती थी लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि यहां सबकुछ सूना है। माता के दरबार में ले जाने वाले घोड़ें और खच्चर यहां बैठे हैं। चौराहे पर ही चहलकदमी कर रहे ड्राय फ्रूट्स दुकान संचालक अजय उपाध्याय बोले, हमारा पूरा धंधा टूरिस्ट पर ही डिपेंड है। इसलिए कटरा अनलॉक तो हो गया लेकिन दुकानें सारी बंद हैं, क्योंकि टूरिस्ट आ ही नहीं रहे। ऐसे में दुकानें खोलने का क्या फायदा।

18 मार्च से ही यहां लॉकडाउन लग गया था। जुलाई के पहले हफ्ते में खुल भी गया लेकिन मार्केट अभी तक पूरी तरह से बंद है। फाउंटेन चौक पर ही सालों से होटल संचालित कर रहे विशाल कपूर होटल के बाहर ही मिल गए। बोले, हमने होटल तो खोल रखी है लेकिन कोई आए तो। किचन चालू नहीं किया क्योंकि लेबर अभी लौटी नहीं। बोले, प्रशासन ने बाहर के 100 यात्रियों को परमिशन दी है। अब इतने से यात्रियों से क्या होगा। हमें तो इंतजार है, पूरी तरह से आवाजाही खुलने का। विशाल कहते हैं, यह मौसम वैष्णोदेवी में सबसे ज्यादा भीड़ वाला होता था क्योंकि गर्मी की छुट्टियां होती थीं। कोरोनावायरस के चलते सब सूना हो गया।

बाणगंगा मार्ग पर कभी पैर रखने की भी जगह नहीं होती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार यहां कोई दिखाई नहीं दे रहा है, दुकानें भी बंद हैं।
ऑनलाइन ही होंगे रजिस्ट्रेशन, हर यात्री की होगी स्कैनिंग

बाणगंगा मार्ग पर दर्शनी गेट है जहां से यात्रा की शुरुआत होती है। प्रशासन का कहना है कि मेडिकल चेकअप के लिए यहां टेंट लगाया जाएगा। आने वाले यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग होगी, सर्दी-बुखार की जांच होगी और उन्हें सैनिटाइज किया जाएगा। इसके बाद ही यात्रा आगे बढ़ेगी। साथ ही यात्रा के दौरान बीच-बीच में यात्रियों को सैनिटाइज किया जाएगा। जो बाहर से यात्री आएंगे उनकी कोरोना रिपोर्ट देखी जाएगी, उसके बाद ही उन्हें यात्रा की इजाजत मिलेगी। रविवार से यात्रा की शुरुआत होनी है लेकिन शनिवार दोपहर बाद तक यहां मेडिकल चेकअप टेंट नजर नहीं आ रहा है। जो यात्री बाहर से आएंगे वो कहां पर कोरोना टेस्ट करवाएंगे इसको लेकर भी चीजें क्लियर नहीं हैं। पूछने पर श्राइन बोर्ड के अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं।

इधर श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड ने 16 अगस्त से यात्रा शुरू करने की पूरी तैयारी कर दी है। बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार के मुताबिक, सभी भक्तों को यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन ही करवाना होगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि यात्रा रजिस्ट्रेशन काउंटर्स पर भीड़ न लगे। लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। प्रशासन का कहना है कि शनिवार शाम में रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। ऐसे में सवाल है कि कल से यात्रा शुरू हो रही है और आज शाम से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा तो यात्री कब पहुंचेंगे और कब यात्रा शुरू करेंगे।

शनिवार और रविवार को जम्मू के ज्यादातर जिलों में लॉकडाउन रहता है, इसलिए उम्मीद है कि कल कम ही लोग यात्रा के लिए आएंगे, खासकर यहां के लोकल। ऑफ रिकॉर्ड तो कुछ अधिकारियों का यह भी कहना है कि हो सकता है यात्रा डिले हो या बस फॉर्मेलिटीज के लिए शुरू हो और कुछ दिन बाद बंद कर दिया जाए। कुल मिलाकर यात्रा को लेकर अभी माहौल ठंडा है।

यहां से वैष्णोदेवी की यात्रा शुरू होती है। 16 तारीख से यात्रा शुरू होने पर भक्त यहां से होते हुए मां के दर्शन के लिए जाएंगे।
रोपवे और हेलिकॉप्टर की सुविधा भी मिलेगी

भक्तों की सुविधा को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल्स, पैसेंजर रोपवे और हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिलेगी। हालांकि किसी भी प्रकार की गैदरिंग नहीं हो सकेगी। जैसे अटका आरती, श्रद्धासुमन विशेष दर्शन नहीं हो सकेंगे। सामान रखने के लिए क्लॉकरूम की सुविधा मिलेगी। कटरा रूट पर सैनिटाइजेशन कैंपेन भी लॉन्च किया गया है। घोड़े और खच्चर की सुविधा अभी यात्रियों को नहीं मिलेगी। यात्रा शुरू होने के बाद जो स्थितियां बनेंगी, उस हिसाब से नियमों में बदलाव किया जाएगा।

यह बाणगंगा रोड की दुकानें हैं, जिन्हें बीते 6 महीने से ग्राहकों का इंतजार है, लॉकडाउन के बाद से ही सभी दुकानें बंद हैं।
बाहर से आने वाले भक्तों के लिए क्या करना जरूरी है

सभी भक्तों के फोन में आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल होना चाहिए। भक्तों को फेस मास्क या फेस कवर पहनना भी जरूरी है। यात्रा एंट्री पॉइंट्स पर थर्मल इमेज स्कैनर से यात्रियों को गुजरना होगा। 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है।प्रेग्नेंट महिलाओं पर भी यह शर्त लागू होती है। यात्रा यूनिडायरेक्शनल मैनर में होगी। यानी जाते वक्त पारंपरिक बाणगंगा वाले रास्ते से जाना होगा। वहीं आते वक्त ताराकोट वाले रास्ते से आना होगा। यात्रा एंट्री पॉइंट्स पर कोरोना रिपोर्ट जांची जाएगी। यह सिर्फ बाहर के राज्यों से आने वाले भक्तों के लिए जरूरी होगी।

जम्मू-कश्मीर में रेड जोन वाले जिलों से आने वाले भक्तों को भी कोरोना रिपोर्ट दिखानी होगी। भक्तों के लिए ताराकोट और प्रसार केंद्र पर फ्री लंगर की सुविधा भी शुरू की जा रही है।होटल की बुकिंग भी ऑनलाइन शुरू हो चुकी हैं, आप पहले ही करवा सकते हैं। कटरा तक ट्रेनें अभी नहीं चल रही हैं, इसलिए आपको जम्मू से टैक्सी के जरिए कटरा आना होगा। जम्मू में टैक्सी मिल रही हैं।

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