आज है यम दिवाली, घर के बाहर गोबर का दीप जलाने से दूर होती है दरिद्रता, पूर्वजों का मिलता है आशीर्वाद

जब देवी ने कहा खुशियां मत मनाओ, क्यों जलाते है यम का दीया? गरीबी दूर होने के साथ पूर्वजों का मिलता है आर्शीवाद

दीपावली के पहले छोटी दीवाली मनाई जाती है. जिसको जमक दीया के नाम से भी जानते हैं. लेकिन इसको सही रूप में यम का दीया कहा जाता है. यह दीप घर के बाहर जरूर जलाना चाहिए. इससे कई लाभ होते है. घर में दरिद्रता दूर होने के साथ पूर्वजों को आर्शीवाद भी मिलता है. इसको लेकर विशेष जानकारी पंडित गुलशन झा ने दी. उन्होंने बताया कि इस दीया का काफी महत्व है. इस दीप को जलाने से आपकी कई बाधाएं दूर होती है. इसके पीछे की एक कहानी है. तो आइए जानते हैं इस कहानी को.

पंडित ने बताया कि यम का दीया जलाने के पीछे एक कहानी है. एक ऐसी घटना हुई थी जब एक राजा का पुत्र हुआ. इस दौरान लोग खुशियां मनाने लगे. तभी देवी प्रकट हुई और उन्होंने बताया कि खुशियां मत मनाओ. विवाह के चार दिन बाद इसकी मृत्यु हो जाएगी. अंतः वही हुआ, विवाह के चार दिन बाद उसकी मौत हो गई. तभी यमराज से उन्होंने पूछा की क्या आप से बचने का तरीका नहीं है. तब उन्होंने कहा कि मुझसे बचाने के कई उपाय हैं. इसमें से अगर आप धनवंतरिदिवस के एक दिन बाद दीपक जलाते हैं, तो आपके ऊपर इसका प्रभाव कम पड़ता है. तभी से धनतेरस के ठीक 1 दिन बाद यह दीप जलने लगा.

पंडित गुलशन झा ने बताया कि यह दीप घर के बाहर या चावल के ढेर पर दक्षिण के मुंह पर जलाना चाहिए. इसमें अखंड बाती तेल व घी डालकर इस दीप को आप जला सकते हैं. जिससे आपके घर में कलेश नहीं होगा. शांति वातावरण रहेगा. कोई अनहोनी या दुर्घटना नहीं घटेगी. यह दीप गोबर या फिर मिट्टी के दीप में ही जलाना चाहिए. आप इसको गोबर के ढेर पर भी जला सकते हैं या घर के मुख्य द्वार पर आप इसे जला सकते हैं. इसके साथ अगर आप चौमुखी दीप का प्रयोग करते हैं तो वह आपके लिए और भी अति उत्तम होगा.

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