ये भारत नही पाकिस्तान है, इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर दिया फैसला

एक सामाजिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन करनेवाले कुछ लोगों को पाकिस्तान की पुलिस ने पकड़ा. उन पर चोरी छिपे आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाकर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा कर दिया. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो CJI ने सबको जमानत देते हुए कहा- यहां सबके संवैधानिक अधिकरों की रक्षा होगी क्योंकि ये भारत नही पाकिस्तान है.

अब ये पढ़कर तो मुझे मेरा पुराना पोस्ट झूठा पड़ता दिखने लगा है. ये लिखा था-1947 में हम ब्रिटेन बनने चले थे. 1962 के बाद सोवियत बनने की कोशिश की. 1993 के बाद अमेरिका की नकल में उलझे. 2014 से फाइनली पाकिस्तान बनने की ओर अग्रसर हैं.

J&K पर बौखलाई इमरान सरकार के बाद PAK कोर्ट का भी नफरत भरा रवैया, Chief Justice बोले- ये भारत नहीं, पाकिस्तान है : इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यहां सभी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी, क्योंकि यह भारत नहीं है, बल्कि पाकिस्तान है. मुख्य न्यायाधीश ने पश्तून तहफूज आंदोलन (पीटीएम) और अवामी वर्कर्स पार्टी (एडब्ल्यूपी) के 23 कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए मामला समाप्त कर दिया, जिन्हें पीटीएम प्रमुख मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी के विरोध में इस्लामाबाद पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था.

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही इस्लामाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने 23 प्रदर्शनकारियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं की सुनवाई फिर से शुरू की, इस्लामाबाद के उपायुक्त हमजा शफकत ने अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए गए हैं.

डिप्टी कमिश्नर के बयान के आधार पर अदालत ने प्रदर्शनकारियों की जमानत याचिकाओं फैसला करते हुए मामले को खत्म किया. मुख्य न्यायाधीश मिनल्लाह ने कहा कि इस्लामाबाद प्रशासन के बयान के बाद सभी याचिकाएं निष्प्रभावी हो गई हैं.

दो फरवरी को अदालत को बताया गया कि धारा 124-ए (राजद्रोह से संबंधित) हटा दी गई थी, लेकिन एफआईआर में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए), 1997 की धारा 7 को डाला गया था.

इसके बाद अदालत ने मंगलवार को एक मजिस्ट्रेट से उन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा था, जिन्हें विरोध के दौरान हिरासत में लिया गया था.

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