नीतीश कुमार से मिलने पहुंचा युवक, कहा— लोक सभा का टिकट दोगे तो जदयू में शामिल होने को तैयार हूं
छुट्टी का दिन रविवार। दोपहर 12.15 बजे हैं। कड़ी धूप है पर जदयू कार्यालय में गहमा-गहमी बढ़ी है। पार्टी कार्यालय परिसर में वाहनों की कतारें लगी हैं। प्रदेश अध्यक्ष चुनावी रणनीति को अंजाम देने में लगे हैं। अपने कक्ष से ही वह फोन पर विभिन्न जिलों में दिशा-निर्देश दे भी रहे थे। उनसे मिलने वालों का हुजूम बाहर बैठा है। कार्यालय के हर कक्ष में नेता-कार्यकर्ता बैठे हुए हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात कैसे होगी, यह जानने के लिए भी नेता-कार्यकर्ता पहुंच रहे थे। एक ऐसे भी तथाकथित नेता पहुंचे जो टिकट के लिए आये थे। उनकी बात सुन सब हक्के-बक्के थे कि कौन सदस्य हैं, जो पार्टी में शामिल होने के पहले ही टिकट पक्की करना चाहते हैं। पूछने पर नेता जी ने कहा कि मैं पहले भी जदयू में था। बीमारी के कारण कुछ महीनों से अलग हूं। फिर, उन्हें बाद में आइएगा कहकर कार्यालय से जाने के लिए कहा गया। इसके बाद इसकी चर्चा काफी देर तक चली।
बीजेपी ऑफिस का कैसा था नजर
दिन के एक बजे हैं। अन्य दिनों की तरह रविवार को भी प्रदेश भाजपा कार्यालय में नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ लगी है। भीड़ का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि भाजपा कार्यालय से राजद कार्यालय तक लगी गाड़ियों पर केवल भगवा झंडा ही फहराता नजर आया।
प्रदेश कार्यालय में प्रवेश करते ही ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ निखिल आनंद और प्रदेश प्रभारी अचल सिन्हा मिल गए। क्या हाल है, पूछते ही बोल दिए कि भाजपा में कहां गड़बड़ है। सब ठीक है। एक-दो दिनों में सब फाइनल हो जाएगा। इसी बीच पार्टी के पूर्व प्रवक्ता रहे अखिलेश सिंह भी आ गए। समर्थकों के साथ वे भी मोदीजी के जयकारे लगाते नजर आए। एक नेता ने उनसे पूछ दिया किया कि आपकी क्या स्थिति है। पूछने वाले का इशारा लोस चुनाव में उनकी दावेदारी से जुड़ा था। इस पर वे इतना ही कह सके कि देखिए क्या होता है। कुछ इसी तरह पूरे प्रदेश कार्यालय में नेताओं की टोली बातचीत करते दिखी।
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