पड़ताल : क्या प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी को दुर्योधन कहा, जवाब है नहीं

PATNA : सोशाल मीडिया से लेकर विभिन्न न्यूज वेबसाइट पर एक खबर तेजी से फैल रही है। उसमें दावा किया जा रहा है की कांग्रेस महासचिव और राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की तुलना महाभारत के दुर्योधन से की। उन्हें दुर्योधन कहा। फिर क्या था सोशाल मीडिया में प्रियंका गांधी के उस बयान को ट्रोल किया जाने लगा। सत्ता पक्ष इस बयान को लेकर हमलावर होने लगे।

ताजा अपडेट के अनुसार प्रियंका की टिप्पणी पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पलटवार किया। पश्चिम बंगाल के विष्णुपुर की चुनावी सभा में उन्होंने कहा, प्रियंका गांधी ने हाल में मोदी की तुलना महाभारत के दुर्योधन से की थी। देश की जनता 23 मई को बताएगी कि मोदी दुर्योधन हैं या अर्जुन। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की तुलना ओसामा बिन लादेन और हिटलर से की है और उसका परिणाम देखा है। देश की जनता ऐसे बयानों को माफ नहीं करेगी। अमित शाह ने कहा की प्रधानमंत्री ने यह कहकर क्या गलत किया कि बोफोर्स घोटाला राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ था। क्या जो भी हुआ, उसे याद करना अपमान है? कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने 51 मौकों पर मोदी को अपशब्द कहे हैं ।

सच क्या है : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हरियाणा के अंबाला में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव किसी परिवार को लेकर नहीं है केंद्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर है। प्रियंका ने कहा कि जब केंद्र और हरियाणा में बीजेपी सरकार बनी तो बहुत उम्मीदें थीं। 2 करोड़ रोजगार के वादे किए गए थे। लेकिन 5 करोड़ रोजगार खत्म हो जिसमें हमने 5 लाख तो सिर्फ नोटबंदी खो दिए। उन्होंने महाभारत का प्रसंग सुनाते कहा कि इतिहास गवाह है कि इस देश ने कभी अहंकार बर्दाश्त नहीं किया है। ऐसा अहंकर दुर्योधन में भी था। भगवान कृष्ण जब दुर्योधन को समझाने गए तो उनको बंदी बनाने की कोशिश थी। इसके बाद प्रियंका गांधी ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता भी पढ़कर सुनाई।

प्रियंका ने कहा, जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है, हरि ने भीषण हुंकार किया,अपना स्वरूप-विस्तार किया,डगमग-डगमग दिग्गज डोले,भगवान् कुपित होकर बोले-‘जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे। उनके कविता पाठ पर मौजूद जनता ने स्वागत किया। प्रियंका ने कहा कि हमारी देश की जनता विवेक बहुत पुराना है। यह महाभारत के समय का है जो सबको जवाबदेह बनाती है।

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