सवर्ण समाज को नीतीश का सन्देश, जब तक मैं हूं तब तक मत डरो, ऊंची जाति के गरीब को दिया 10% EWS का तोहफा

बिहार सरकार ने ऊंची जाति के गरीब लोगों को दिया तोहफा, न्यायिक सेवा में आर्थिक रूप से कमजोर को 10 कोटा,कानून की पढ़ाई में भी इस वर्ग को मिलेगा आरक्षण

बिहार में जब से जातिगत जनगणना का डाटा जारी हुआ है तब से एक बार फिर से मंडल और कमंडल की राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी को छोड़कर सभी दल के नेताओं ने एक स्वर में कहा है की आबादी के अनुसार रिजर्वेशन में बढ़ोतरी होनी चाहिए. कहने वाले तो यहां तक कहने लगे हैं कि लगता है एक बार फिर से भूरा बाल साफ करो का नारा देना होगा. लेकिन नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में एक फैसला लेकर सवर्ण समाज को साफ संदेश दे दिया है कि जब तक मैं बिहार का मुख्यमंत्री हूं तब तक आप लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में फैसला लिया गया है कि न्यायिक व्यवस्था अर्थात कानूनी पढ़ाई में भी अब सवर्ण समाज के गरीब लोगों को 10% आरक्षण मिलेगा.

बिहार की न्यायिक सेवा में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। बैठक में14 प्रस्तावों पर सहमति मिली।

बैठक के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण देने के लिए बिहार उच्च न्याय सेवा (संशोधन) नियमावली, 2023 व बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) (संशोधन) नियमावली, 2023 को स्वीकृति दी गयी। इस वर्ग को न्यायिक सेवा में आरक्षण देने को बिहार उच्च न्यायालय सेवा नियमावली 1951 एवं बिहार असैनिक सेवा (न्याय शाखा) (भर्ती) नियमावली 1955 में संशोधन किया गया है। इससे बिहार में न्यायिक सेवा के पदों व सेवाओं के साथ कानून की पढ़ाई वाले शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले में भी इस वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा।

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