पटना में 30 हजार में बिक रहा है नकली रेमडेसिविर, असली-नकली में फर्क करना मुश्किल

कोरोना काल के दौरान पटना में नकली दवा का अवैध धंधा करने वाले लोग सक्रिय हो गए हैं। कोरोना के इलाज में उपयोग किए जाने वाले रेमडेसिवीर के नकली वायल बेचा जा रहा है। कंकड़बाग स्थित पुष्पांजल अस्पताल में भर्ती डॉक्टर को ही नकली इंजेक्शन लगा दिया गया। इंजेक्शन लगाने के बाद उसके रैपर पर नजर गई तो अस्पताल के कर्मियों को शक हुआ। दूसरे रैपर से तुलना करने पर इंजेक्शन के नकली होने का पता चला।

मरीज के परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा इंजेक्शन प्रेस्क्राइब करने पर तलाश में जुटे थे। इसी बीच किसी ने बताया कि इंजेक्शन मिल जाएगा पर ब्लैक में। कोई चारा नहीं होने पर उस व्यक्ति से इंजेक्शन मंगाने को कहा और कीमत के रूप में 25 हजार रुपए दिए थे। वहीं एसके पूरी के बसावन पार्क स्थित एक निजी अस्पताल के संचालक ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि कई परिजन 25-30 हजार में इंजेक्शन लाकर अपने मरीजों के लिए दे रहे हैं। रैपर को देखने से इंजेक्शन के नकली होने की शंका उत्पन्न हुई पर तब तक मरीजों को वही इंजेक्शन लगाया जा चुका था। इस संबंध में बात करने के लिए स्टेट ड्रग कंट्रोलर के मोबाइल नंबर 9470005863 पर कई बार कॉल किया गया पर कोई उत्तर नहीं मिला।

वरीय फिजिशियन डाॅ. राजीव रंजन ने बताया कि परिजन इंजेक्शन किसी भी अनधिकृत व्यक्ति से न लें। डाॅ. दीवाकर तेजस्वी ने कहा कि बिना बिल के किसी भी एजेंसी से इंजेक्शन नहीं खरीदें। नकली इंजेक्शन की शिकायत की औषधि नियंत्रक जांच करें। वहीं बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप कुमार चौरसिया ने बताया कि रेमडेसिविर फिलहाल सिर्फ ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से ही जरूरत वाले मरीजों के लिए संबंधित अस्पतालों को दी जा रही है। परिजन बहकावे में नहीं आएं।
मेडिकल स्टाफ के लिए भी असली और नकली इंजेक्शन में तत्काल पहचान करना मुश्किल है। पर बहुत ध्यान देने और रैपर पर अंकित लिखावट को देखने पर नकली और असली में फर्क किया जा सकता है। नकली इंजेक्शन के रैपर पर अंग्रेजी के कुछ शब्दों की स्पेलिंग गलत अंकित है।

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *