होली से पहले 35 रूपये किलो बिक रहा चिकन, गलत अफवाह के कारण दाम में 70 प्रतिशत गिरावट

वॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया पर चिकेन से कोराना वायरस संक्रमण होने की अफवाह के कारण देश में पिछले एक महीने में चिकेन की बिक्री 50 फीसदी से ज्यादा घट गई है और इसकी कीमत में 70 फीसदी की कमी आई है। गोदरेज एग्रोवेट के एमडी बीएस यादव ने गुरुवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि चिकेन के सेगमेंट में कारोबार करने वाली उसकी सहायक कंपनी गोदरेज टायसन फूड्स का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। एक महीने पहले गोदरेज टायसन फूड्स एक सप्ताह में 6 लाख चिकेन बेच दिया करती थी, जो अब 40 फीसदी घट गई है।

2-3 महीने में बिक्री फिर से बढ़ जाने का अनुमान
उन्होंने हालांकि कहा कि अगले 2-3 महीने में अफवाह खत्म हो जाएगी और चिकेन की खपत बढ़ जाएगी। इसके बाद देश में चिकेन की मांग बढ़ जाएगी और उपलब्धता घट जाएगी। इससे चिकेन की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी। यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने एडवायजरी जारी की है कि चिकेन से कोराना वायरस नहीं फैलता है। केंद्र ने राज्य सरकारों से अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।

फार्म पर कीमत 100 रुपए से घटकर 35 रुपए रह गई
यादव ने कहा कि देशभर में चिकेन की बिक्री 7.5 करोड़ (बर्ड्स) साप्ताहिक से घटकर 3.5 करोड़ पर आ गई है। फार्म पर चिकेन की कीमत 70 फीसदी से ज्यादा घटकर 35 रुपए प्रति किलो पर आ गई है। एक महीने पहले यह कीमत 100 रुपए प्रति किलो थी। हालांकि चिकेन की उत्पादन लागत 75 रुपए प्रति किलोग्राम है।

देश में चिकेन की प्रति व्यक्ति खपत 4.5 किलोग्राम
गोदरेज टायसन फूड्स देश में चिकेन की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी है। इसके बाद वेंकीज दूसरी और सुगुना फूड्स तीसरी सबसे बड़ी चिकेन उत्पादक कंपनी है। यादव ने कहा कि देश में चिकेन की प्रति व्यक्ति खपत 4.5 किलोग्राम है, जबकि वैश्विक औसत 11 किलोग्राम है। देश में सबसे ज्यादा खपत तमिलनाडु में होता है, जहां प्रति व्यक्ति खपत 13 किलोग्राम है।राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे कम खपत है।

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