क्या अपनी हार से डर गए हैं पीएम मोदी, प्रेस कांफ्रेंस में उतरा हुआ चेहरा बहुत कुछ कहता है

अपनी हार से डर गए हैं पीएम मोदी, प्रेस कांफ्रेंस में उतरा हुआ चेहरा बहुत कुछ कहता है
लगभग सौ से अधिक पत्रकारों के सामने हाज़िर हुए मोदी ने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। बहरहाल, जिसने भी आज बीजेपी के प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद मोदी जी का चेहरा और उनका हाव-भाव देखा होगा अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं की वे डरे हुए हुए हैं। किसी चोरकट व्यक्ति की तरह घबराए हुए हैं। पहले इनका चेहरा माचो मैन की तरह दिखता था। चेहरे पर खुशी के भाव कभी रहे न रहे एक कुटिल भाव अवश्य रहता था।

दुनिया का जो भी व्यक्ति मोदी के चेहरे को कभी देखा होगा उसे उसका अध्ययन करना चाहिए। कि यह सब कैसे हो गया। सत्ता आने की चेहरे पर चमक या जाने की निराशा से अलग मोदी के चेहरे का मनोविज्ञान एक सामान्य नागरिक जीवन की तरह देखना चाहिए। मोदी के चेहरे पर अचानक थकान कैसे आ गयी। इतनी लक़ीर एक साथ कैसे खिंच गयी। चेहरे की चमड़ी कैसे झूलने लगी। जबकि हल्ला हुआ कि चेहरे पर रंगत लाने के लिए हॉंगकॉंग से मसरूम मंगाकर सेवन करते थे।

सामान्य सवाल है कि क्या मोदी जी 2013 से चुनावी प्रचार के कारण थक से तो नहीं गये? आखिर वह क्या कारण है कि बीते पाँच वर्ष में मोदी का इतना उदास, बुझा हुआ, खोया हुआ, ग़मगीन चेहरा देखने को मिला। उनको देखने से लगा जैसे वे मन ही मन बहुत खिन्न है। क्या अपने झूठ के पहाड़ तले दब तो नहीं गये। आरा में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे आरके सिंह कई बार आमना-सामना हुआ। इनका भी चेहरा उतरा हुआ हुआ है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर का चेहरा भी बहुत उदास और भयभीत है।

चेहरे के मनोविज्ञानियों को नये सिरे इन चेहरों को अध्ययन करना चाहिए। हाल ही मोदी ने कई इंटरव्यू दिए। इन इंटरव्यू में झूठ बोलते पकड़े गये। इसके पहले चुनावी सभाओं में कई विख्यात झूठ बोले। यह झूठ बोलते चेहरे अचानक मोदी हो जाते हैं।
लेखक : आशुतोष कुमार पांडे, पत्रकार

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *