महागठबंधन में दरार, राजद से अलग होने का क्या मन बना चुकी है कांग्रेस, तेजस्वी पर साधा निशाना

PATNA : महागठबंधन की बैठक में कांग्रेस का एक भी नेता आज शामिल नहीं हुआ। बिहार की राजनीतिक गलियारे से खबर आ रही है कि क्या लोक सभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस वह कदम उठाने जा रही है जिसको लेकर बिहार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने पार्टी छोड़ा था। बिहार प्रदेश कांग्रेस के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता अब खुलकर बोल ने लगे हैं कि जबतक कांग्रेस बिहार में राजद का दामन नहीं छोड़ेगी तब तक कुछ भी नहीं हो सकता।

याद कीजिए जब बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी तब अशोक चौधरी नीतीश सरकार में मंत्री थे। गठबंधन सरकार टूटने के बाद अशोक चौधरी ने आलाकमान तक यह मैसेज पहुंचाने का प्रयास किया कि बिहार की जनता नीतीश के साथ है नाकि लालू परिवार के साथ। इसलिए हमें महागठबंधन से बाहर होकर नीतीश कुमार का साथ देना चाहिए। यह अलग बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उस समय अशोक चौधरी के किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया।

आज जब एक बार फिर कांग्रेस में चुनाव परिणाम को लेकर इस सुगबुगाहट तेज हो गई है कि अब कांग्रेस को राजद का साथ छोड़कर एकला चलो की रणनीति अपनानी चाहिए। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने महागठबंधन की हार के लिए तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन का नेतृत्व तेजस्वी यादव कर रहे थे। उनकी बड़ी जिम्मेदारी थी, लेकिन उन्होंने नहीं निभाई। वे अलायंस के भीतर तालमेल बनाने में भी कामयाब नहीं रहे। कांग्रेस एमएलए ने कहा कि चुनाव के दौरान कई गलतियां जान-बूझकर की गईं। कई जगहों पर गठबंधन के दो-दो उम्मीदवार खड़े हो गए। तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच विवाद के कारण भी काफी नुकसान हुआ है।

शकील अहमद खान ने कहा कि कांग्रेस को बिहार में अकेले चलने की जरूरत है। कांग्रेस से भी कोई गलती हुई तो उसकी भी समीक्षा जरूरी है। बता दें कि बुधवार को ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने बिहार कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए पूरी कांग्रेस में बड़े स्तर पर बदलाव की वकालत की है।

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