बिहार में सवर्ण महिलाओं को मिलेगा नौकरी में आरक्षण, बिहार सरकार लेने जा रही है बड़ा फैसला

सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षण का कोटा बिहार की मूल निवासियों के लिए रिजर्व नहीं है, यह सीटें देशव्यापी ओपेन कंपटीशन से भरी जा रही हैं। सरकार अब इसे राज्य तक सीमित करने पर विचार कर रही है। बदलाव हुआ तो भविष्य की नौकरियों में सामान्य वर्ग की उन्हीं महिलाओं को तरजीह मिलेगी जो बिहार की मूल निवासी होंगी।

विधानसभा में मंत्री श्रवण कुमार ने कांग्रेस के आनंद शंकर सिंह, अजीत शर्मा समेत चार अन्य विधायकों की ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब में कहा कि सरकार सामान्य वर्ग की महिलाओं के हित में विचार कर रही है। यह प्रावधान करने पर विचार हो रहा है कि मेधा के आधार पर चयन के साथ बिहार की मूल निवासी महिलाओं के साथ भेदभाव न हो। गौरतलब है कि कोटा के भीतर कोटा प्रावधान के तहत राज्य सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण है। वहीं पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए 3% सीधा आरक्षण भी है। मंत्री ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दिए 10% आरक्षण से आरक्षित वर्ग की कुल सीटें 60% हो गई है।

राज्य सरकार बिहार केसरी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न देने की केंद्र से अनुशंसा करेगी। विधान परिषद में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने यह घोषणा की। वे भाजपा के सच्चिदानंद राय के ध्यानाकर्षण पर सरकार का जवाब दे रहे थे। मंत्री ने कहा कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की प्रदेश के विकास में अहम भूमिका थी। इसके पहले भी राज्य सरकार की ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर और समाजवादी नेता डॉ. राममनोहर लोहिया को भारत रत्न देने की अनुशंसा केंद्र से की गई है, जो अबतक लंबित है। मंत्री ने राय से कहा कि वे और अन्य सदस्य भी अपने माध्यम से भारत रत्न दिलाने का प्रयास करें। इस पर राय ने कहा कि श्रीबाबू को भारत रत्न देने की अनुशंसा के बाद मुख्यमंत्री यदि प्रधानमंत्री से बात कर लेंगे, तो पूरा भरोसा है कि इसी साल यह काम हो जाएगा।

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