भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी का आरोप, मोदी सरकार के मंत्री चीन के एजेंट !
PATNA : बिहार में चमकी बुखार का कहर जारी है। कल लोक सभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के सवाल करने पर इस मुद्दे को लेकर काफी हो हंगामा हुआ था। सदन की कार्यवाही के दौरान भाजपा के एक सांसद ने मोदी सरकार के एक मंत्री पर अपरोक्ष रूप से चीनी एजेंट होने का आरोप लगाया। एक तरह से कहा जाए तो चमकी बुखार ने भाजपा सांसदों को दो खेमें में बांट दिया है। एक के अनुसार लीची के कारण यह बीमारी फैल रही है, तो दूसरे के अनुसार बिहार भर से लीची देश विदेश में जाती है। इसके व्यापार को ठप करने के लिए चीनी एजेंट साजिश कर रहे हैं। तो क्या मोदी सरकार के मंत्री चीनी एजेंट हैं?
क्या है मामला : चमकी बुखार मामले में जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन बिहार यात्रा पर आए थे उस समय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे ने कहा था कि लीची के कारण यह बीमारी तेजी से फैल रही है। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर की लीची देश विदेश में नामी है। दूसरी ओर कल सदन में भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हमलोग जनप्रतिनिधि हैं। हम डाक्टर नहीं हैं। हम अनुसंधानकर्ता नहीं है। बिहार में हजारों सालों से लीची का उत्पादन होता है। हजारों करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। भारत के बाद सबसे अधिक कहीं लीची होती है तो वह चीन में होती है। अचानक एक दिन हमें बताया जाता है कि चमकी बुखार के पीछे लीची कारण है। कहीं यह चीन की साजिश तो नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए।
बताते चले कि पिछले 20 दिनों में मुजफ्फरपुर के इलाकों लगभग 153 बच्चों की मौ’त हो चुकी है। इस बीमारी के बारे में अभी तक वास्तविक कारणों का पता नहीं चल पाया है। कोई कहता है कि यह बीमारी लीची खाने से फैल रही है तो कोई कहता है कुपोषण के कारण। लीची को जिम्मेदार बताने वाली बात को राजीव प्रताप रुडी ने सिरे से नकार दिया और कहा कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि लीची से चमकी बुखार होता है। मुजफ्फरपुर लीचियों का शहर है और यहां की लीची विश्व-प्रसिध्द है, इसके कारण चीन को घाटा हो रहा है, इसलिए इस तरह की अफवाह अंतर्राष्ट्रीय सा’जिश के कारण फैलाया जा रहा है। इसी अफवाह के कारण मुजफ्फरपुर की लीचियों की मांग घट गयी है।
आपको बता दें कि चमकी बुखार से होने वाली मौ’तों के वास्तविक कारणों को पता लगाने के लिए तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 2014 में ही घोषणा की थी कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक रिसर्च सेंटर बनाया जायेगा और उसी बात को 2019 में 150 बच्चों की मौ’त के बाद दोहरा रहे हैं। अगर चमकी बुखार से होने वाली मौ’तों के वास्तविक कारणों का पता चल जाए तो अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मुजफ्फरपुर की लीचियों की मांग और नाम फिर से बढ़ जायेगा और चमकी बुखार से निपटने में भी सरकार और डॉक्टरों को मदद मिलेगी।
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