गुजरात में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक अहम जानकारी सामने आई है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने पुष्टि की है कि विमान का ब्लैक बॉक्स अभी भारत में ही है और इसकी जांच देश की ही एजेंसी कर रही है।
ब्लैक बॉक्स की जांच भारत में ही हो रही है
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। यह विमान सردار वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा था। इस दर्दनाक हादसे में करीब 270 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक यात्री की जान बच पाई।
ब्लैक बॉक्स, जो किसी भी विमान हादसे की जांच में सबसे अहम उपकरण होता है, अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के पास है। यह ब्यूरो भारत सरकार की एक विशेष एजेंसी है जो विमान हादसों की तकनीकी जांच करती है।
अमेरिका भेजने की खबरें झूठी निकलीं
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ब्लैक बॉक्स को भारी नुकसान हुआ है, और डेटा रिकवरी के लिए इसे अमेरिका भेजा जा सकता है। लेकिन, AAIB के महानिदेशक जीवीजी युगंधर ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने एक समाचार एजेंसी को ईमेल के जरिए बताया कि यह जानकारी “तथ्यों से परे” है।
अब तक की जांच और सुरक्षा कदम
हादसे के बाद सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को निर्देश दिए कि एयर इंडिया के सभी ड्रीमलाइनर विमानों की सुरक्षा जांच की जाए। एयर इंडिया के पास कुल 33 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर हैं, जिनमें से अब तक 9 विमानों की जांच पूरी हो चुकी है। बाकी विमानों की जांच का काम तेजी से जारी है।
क्यों अहम है यह हादसा?
यह पहला मौका है जब बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के किसी विमान में इतनी बड़ी दुर्घटना हुई है। यह विमान 2011 में सेवा में आया था और अब तक इसे एक सुरक्षित मॉडल माना जाता रहा है।
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निष्कर्ष:
इस हादसे ने देशभर में विमान सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंताएं बढ़ा दी हैं। हालांकि सरकार और संबंधित एजेंसियां जांच में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि ब्लैक बॉक्स भारत में ही जांच के लिए रखा गया है, ताकि सच्चाई जल्द से जल्द सामने आ सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।