सीबीएसई की चेतावनी- संबद्ध स्कूल अपने परिसर में चल रहे कोचिंग संस्थान तत्काल बंद करें

PATNA: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूल अब अपने परिसर में समानांतर कोचिंग नहीं चला सकेंगे। बोर्ड की इस चेतावनी से जिले में शिक्षा जगत से जुड़े लोगों में हड़कंप की स्थिति है। सीबीएसई को लगातार शिकायत मिल रही थी कि संबद्ध स्कूलों के संचालक अभिभावकों को अंधेरे में रखकर समानांतर कोचिंग चला रहे हैं। इंटीग्रेटेड कोर्स व विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी कराई जा रही है। ऐसे स्कूलों को इस तरह की व्यावसायिक गतिविधियां तुरंत बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

आदेश नहीं मानने वालों के खिलाफ बोर्ड, एफलिएशन बायलॉज 2018 के अनुसार कार्रवाई कर सकता है। टाइम मेंटेन नहीं करने वाले स्कूलों को ट्यूशन व कोचिंग भी बंद करने को कहा है। इससे कक्षाओं का टाइम टेबल प्रभावित होता है। स्कूलों को आरटीई एक्ट 2009 के नियम 28 का भी हवाला दिया गया है। कहा कि कोई भी शिक्षक खुद को प्राइवेट ट्यूशन व प्राइवेट टीचिंग में संलग्न नहीं कर सकते हैं। साथ ही व्यावसायिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। होली मिशन स्कूल के सीबीएसई के शिक्षक डॉ. जीके मल्लिक ने बताया कि कुछ स्कूलों के संबंध में बोर्ड को शिकायतें मिली हैं। इसके बाद यह आदेश जारी किया गया है।

सीबीएसई के अनुसार, किसी भी नाम से व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस प्रकार की कक्षाएं चलाना बोर्ड के संबद्ध उपनियमों का उल्लंघन है। सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी की ओर से इस संबंध में स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल ऐसी ट्यूशन व कोचिंग कक्षाओं को बंद करें, जो स्कूल टाइम टेबल के समांतर हों।

इससे स्कूलों की कक्षाओं का टाइम टेबल प्रभावित हो रहा है। सचिव ने स्कूलों को आरटीई एक्ट 2009 के नियम 28 का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी शिक्षक खुद को प्राइवेट ट्यूशन व प्राइवेट टीचिंग में संलग्न नहीं कर सकता है। सीबीएसई के एफिलिऐशन बायलॉज 2018 के नियम 14.10 के अनुसार, किसी स्कूल के परिसर को व्यावसायिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

सीबीएसई को कुछ स्कूलों के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें यह जानकारी सामने आई हैं कि वह परिसर में कोचिंग संस्थान चला रहे हैं। सीबीएसई के कोर्स के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं व प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियां कराई जा रही है। इन तैयारियों के नाम पर छात्रों व अभिभावकों को गुमराह किया जा रहा है।

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