च-मकी बुखार मामले में बुरे फंसे कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन-मंगल पांडेय, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

PATNA : सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुजफ्फपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौ-त मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में 17 जून को याचिका लगाई थी। सीजेएम कोर्ट ने सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई के बाद जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने एसीजेएम को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। जांच के बाद यह तय होगा कि हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी या नहीं। 28 जून को इस मामले की अगली सुनवाई होगी।

तमन्ना हाशमी ने याचिका में लिखा था कि जागरुकता अभियान नहीं चलाने की वजह से बच्चों की मौ-त हुई है। इस बीमारी से पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों बच्चों की जा-न जा चुकी है। सरकार की लापरवाही की वजह से बच्चों की जा-न जा रही है। पत्र में कहा गया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन 2014 में भी मुजफ्फरपुर आए थे और कई वादे किए थे। इसके बाद भी हर साल बच्चों की मौत का सिलसिला जारी रहा। बता दें कि च-मकी बुखार (AES) के चलते अब तक 170 बच्चों की मौ-त हो चुकी है। इसकी चपेट में अबतक 593 बच्चे की आने की खबर है। वहीं 90 बच्चों का इलाज अभी भी चल रहा है।

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चमकी बुखार पर नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार, सात दिनों में मांगा जवाब : सुप्रीम कोर्ट ने चमकी बुखार से बच्चों की हुई मौ-त को गंभीरता से लिया है और बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को 7 दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है, जिसमें एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता से संबंधित सुविधाओं का सीलबंद लिफाफे में पूरा विवरण मांगा है।

जानकारी अनुसार मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Fever) से बच्चों की मौ-त के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केन्द्र, बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए सात दिन अंदर जवाब मांगा है। कोर्ट ने तीनों सरकारों से हेल्थ सर्विस, न्यूट्रिशन और हाइजिन के मामले में हलफनामा दायर करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट की तरफ से बिहार सरकार को मेडिकल सुविधा बढ़ाने के आदेश दिए जाएं। साथ ही केंद्र सरकार को इस बारे में एक्शन लेने को कहा जाए। बीते बुधवार को अदालत ने इस मामले पर सुनवाई को लेकर हामी भरी थी। मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।

बता दें कि बीते बुधवार को कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई को लेकर हामी भरी थी। कोर्ट में मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।

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