BJP नेता चौकीदार अनिल पांडेय का दावा, JNU में जिस अंधे लड़के को पी’टा गया वो मेरा बेटा है

JNU वाले शशिभूषण के पिता हैं भाजपा के जिलाध्यक्ष, उन्होंने पूछा सस्ती शिक्षा मांगने से मेरा बेटा देशद्रोही कैसे हो गया

मिलिए इनसे! चौकीदार अनिल पांडेय। इनका दावा है कि जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए शशिभूषण पांडेय इनका बेटा अर्थात भतीजा है है। पोस्ट में इन्होंने खुद को भाजपा किसान मोर्चा संतकबीरनगर ज़िला इकाई के अध्यक्ष भी बता रहे हैं अगर यह सच है तो शशिभूषण दोहरी संवेदना के हक़दार हैं

भाजपा जिलाध्यक्ष बोले, जेएनयू छात्रों का आंदोलन करना गुनाह है क्या, एम्स की फीस जामिया इस्लामिया की फीस भी इतनी है, वह क्यों नहीं बढ़ाई गई, JNU ही क्यों, जबकि कहीं भी दुनिया में विद्वता की बात आती है तो देश की इज्जत रखता है जेएनयू का छात्र…

राहत इंदौरी की नज्म की एक पंक्ति है, ‘लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में, यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।’ जेएनयू के नेत्रहीन छात्र शशिभूषण समद और उनके भाजपाई चाचा अनिल पांडेय पर जो इन दिनों बीत रही है, राहत इंदौरी की यह नज्म बहुत सटीक बैठती है।

हिंदूवादी अतिवादियों और लंपट ट्रोलर जब सोशल मीडिया पर जेएनयू के छात्र आंदोलनों को ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’, वामियों का गढ़ समेत तमाम तरह से ट्रोल कर रहे हैं, जेएनयू छात्रों पर दिल्ली पुलिस द्वारा की ज्यादती को सही ठहरा रहे हैं, वैसे में सोशल मीडिया पर एक ऐसे पिता की पोस्ट भी आई है, जो खुद भाजपा नेता हैं, और उनके जेएनयू में अध्ययनरत आंदोलनकारी भतीजे शशिभूषण समद को पुलिस ने बुरी तरह पीटा है।

ताज्जुब की बात यह भी है कि भाजपा के जिलाध्यक्ष के भतीजे शशिभूषण नेत्रहीन हैं। शशिभूषण समद सोशल मीडिया पर क्रांतिकारी गानों के लिए पसंद किए जाते हैं। समद ने पाकिस्तानी विद्रोही शायर हबीब जालिब की नज्मों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है और वे हजारों में शेयर हो रहे हैं। उनका यह संक्षिप्त परिचय इसलिए कि आप समद को समझ पाएं और मोदी सरकार की अत्याचारी व संवेदनहीन पुलिस को भी कि वह कहते रहे कि मैं नेत्रहीन हूं, पर पुलिस उनपर लाठियां और लात-घूंसे बरसाती रही। शशिभूषण सनद पर लाठियां बरसाते हुए पुलिस ने कहा कि अंधे हो तो प्रोटेस्ट में क्यों आये?

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