JNU तुम संघर्ष करो पूरा देश तुम्हारे साथ है…लोग साथ आते गए कारवाँ बनता गया

Girish Malviya
जैसे जैसे घड़ी 4 बज कर 45 मिनट पर पुहंची हमारी धड़कने बढ़ने लगी …….हम रीगल तिराहे के कोने पर बनी चाय के ठिये पर खड़े होकर सोच रहे थे कि कोई आएगा या नही बड़ी उम्मीदों से हमने 20 कागज के प्ले कार्ड प्रिंट करवा लिए थे…….

घड़ी 4: 55 पर थी हम गाँधी प्रतिमा के सामने उड़ते कबूतरों को देख रहे थे तभी शरीफ भाई साइड आकर साथ मे खड़े हो गए उनसे बात कर ही रहे थे कि सामने से किशोर कोडवानी जी आ गए उनसे हम बात कर रहे थे देखिए कोई भी नही आता है घड़ी का बड़ा कांटा ठीक 5 के अंक के टच कर रहा था कोडवानी जी का कहना था कि भले ही कोई नही आए हम तो खड़े रहेंगे…… इतने में फोन की घण्टी बजी दीपक भाई का फोन था अरे भाई सामने नही गाँधी प्रतिमा के पीछे की तरफ आओ वहा हम सब आ गए है…. हम चार पांच लोग पीछे की तरफ गए तो आनंद मोहन माथुर साहब अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद वहाँ मौजूद थे और इंदौर के बुध्दिजीवीयो का बड़ा वर्ग इस गोल चौराहे पर अपने हाथों से बनाए गए पोस्टर लिए खड़ा हुआ था

एस के दुबे जी जया मेहता जी, अरविंद पोरवाल, अजीत केतकर, शैली रानावत, सी एल सर्रावत , विवेक मेहता, विवेक शुक्ला, अशोक दुबे, सारिका श्रीवास्तव, दीपिका मिश्रा, आर के मिश्रा, हरनाम सिंह चांदवानी, अपूर्व भारद्वाज,ताशिव पटेल, सुनिता, प्रमोद बागड़ी, रमेश प्रजापत, विजय दलाल, चुन्नीलाल , केवल सिंह चिडार, परेश टोकेकर, रुद्र पाल यादव , सोहन लाल शिंदे, कैलाश गोठानिया,रामस्वरूप मंत्री, ओर जी आर निमगांवकर जी भी उपस्थित थे

हमारी जान में जान आयी हमने भी तुरंत वह 20 प्ले कार्ड उनमें वितरित किये और सब साथ मे खड़े हो गए एक सज्जन तो बैसाखियों के सहारे सड़क पार करते हुए आए और हमारे बीच खड़े हो गए कुछ ही मिनटों में वहाँ सभी मित्र आ गए जिनके आने की हमे उम्मीद थी जैसे लागू जी, अनिल जैन जी अपूर्व भाई, तरुण मंडलोई, रिजवान भाई, प्रेम जोशी जी………. कुछ मीडिया चैनल से भी लोग आए और बाइट लेने लगे…. जहाँ हम सोच रहे थे कि 20 से 25 लोग ही आएंगे वहाँ लगभग 100 से अधिक लोग उपस्थित थे

‘सस्ती शिक्षा हमारा अधिकार’ और ‘स्टैंड फ़ॉर जेएनयू’ के लिए इतने शार्ट नोटिस में आए सभी लोगो बहुत बहुत आभार

शुक्रिया इंदौर

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *