रूप बदलकर थाना में केस दर्ज कराने पहुंचे कमिश्नर साहेब, थानेदार ने नहीं किया FIR, जमकर लगाई क्लास

कमिश्नर कम्प्लेन लिखाने थाने पहुंचे, कॉन्स्टेबल ने हड़का दिया! : हमारे देश में कानून और खासकर पुलिस को उस भरोसे के साथ देखा जाता है कि भले ही किसी के साथ कितना गलत क्यों ना हुआ हो, उसे पुलिस और कानून से न्याय जरूर मिलेगा. लेकिन, अक्सर सुनते हैं कि आम आदमी इस कानून की जटिलता और पुलिस के रवैये से परेशान होकर कई बार अपनी रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाता या पुलिस स्टेशन तक नहीं जाता. लेकिन, अहमदाबाद के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (JCP) गौतम परमार ने जो किया, वो शायद पुलिस पर आम आदमी का भरोसा बढ़ा देगा. साथ ही यह आम लोगों को परेशान करने वाले पुलिस वालों को भी संदेश देगा कि कानून से बड़ा कोई नहीं होता.

दरअसल, बुधवार, 16 मार्च को JCP गौतम परमार सामान्य कपड़ों में एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ अहमदाबाद के अमराईवाड़ी पुलिस थाने पहुंचे. आजतक से जुड़ीं गोपी मनिआर के मुताबिक, गौतम परमार ने अपनी पहचान बताए बिना यहां मौजूद पुलिस कॉन्स्टेबल को कहा कि उनके साथ आई महिला उनकी भांजी है और उसका पति उसके साथ मारपीट करता है और इसलिए उसे अपने पति के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज करानी है. पुलिस कॉन्स्टेबल ने कहा कि यहां क्यों कम्प्लेन दे रहे हो, इस महिला का मायका भावनगर में है, कम्प्लेन भावनगर में जाकर दीजिए.

इसके बाद गौतम परमार ने ड्यूटी पर मौजूद कॉन्स्टेबल को कहा कि कम्प्लेन यहीं दर्ज कीजिये. लेकिन कॉन्स्टेबल लेने से इन्कार कर दिया. कॉन्स्टेबल ने कहा कि मारपीट हुई है तो इलाज कराने का सर्टिफिकेट लेकर आइए या फिर चार ऐसे गवाह लेकर आइए, जो कहें कि उन्होंने मारपीट देखी है. गोपी मनिआर की रिपोर्ट के मुताबिक, कई बार गौतम परमार ने एक आम आदमी की तरह कॉन्स्टेबल से विनती की, लेकिन पुलिस कॉन्स्टेबल ने कम्प्लेन नहीं दर्ज की. इसके बाद गौतम परमार ने एसीपी को बुलाया और तुरंत ही पुलिस कॉन्स्टेबल को सस्पेंड करने के आदेश दिए.

इसके बाद JCP गौतम परमार कांगड़ा पीठ पुलिस स्टेशन पहुंचे. कांगड़ा पीठ में पुलिस कॉन्स्टेबल से कहा, ‘साहब मेरी स्कूटी चोरी हो गई है, उसमें पर्स है और पर्स में मेरा पासपोर्ट है, ये सब कुछ स्कूटी की डिग्गी में था, कम्प्लेन दर्ज करनी है.’

पुलिस कॉन्स्टेबल ने पहले तो गौतम परमार और उनके साथ मौजूद महिला को धमकाना शुरू किया. कहा कि पहले आसपास जाकर खुद स्कूटी ढूंढ कर आओ. ऐसे कम्प्लेन नहीं दर्ज करवायी जा सकती है. इसपर गौतम परमार ने कहा कि डिग्गी में पासपोर्ट है इसलिए कम्प्लेन दर्ज करानी ज़रूरी है. यह सुनकर कांस्टेबल बोला, ‘आपके पासपोर्ट में कोई गड़बड़ी होगी इसलिए आप पासपोर्ट को गुम दिखाना चाह रहे हो, पहले आप ही को गिरफ्तार करना होगा.’

गौतम परमार ने इस तरह थानों में जाकर दौरा करने के पीछे की वजह भी बताई है. आजतक के मुताबिक, गौतम परमार का कहना है कि उन्हें इस तरह से थानों में जाकर चेकिंग करने का ख़्याल तब आया जब उनके ही ऑफिस में काम करने वाले एक शख़्स ने उन्हें बताया कि वह पिछले कई दिनों से अपनी बहन के ससुराल वालों के खिलाफ कम्प्लेन दर्ज करवाने थाने जा रहा है, लेकिन उसकी कम्प्लेन नहीं लिखी जा रही. परमार के मुताबिक इससे उन्हें यह अंदाजा लगा कि जब पुलिस के एक स्टाफ़ का ये हाल है, तो आम आदमी के साथ थानों में क्या होता होगा. इसी को देखने के लिए वे सिविल ड्रेस में महिला कॉन्स्टेबल के साथ पुलिस थाने पहुंचे और वहां जो बर्ताव देखा, उससे काफ़ी दुखी हुए.

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