DGP गुप्तेश्वर पांडेय की ‘औकात’, JDU ने नहीं दिया चुनावी टिकट, कहा— संघर्ष में बीता मेरा जीवन

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस बार विधानसभा के चुनावी मैदान में नहीं दिखेंगे। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि भी की है। उन्होंने लिखा है कि मेरे सेवा मुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार चुनाव नहीं लड़ रहा। दरअसल 22 सितंबर को गुप्तेश्वर पांडेय के वीआरएस लेने के बाद से माना जा रहा था कि वे विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गुप्तेश्वर पांडेय जब जदयू में शामिल हुए तो इस बात की लगभग पुष्टि भी हो गई थी। कहा जा रहा था कि वे बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह भी चर्चा थी कि वे वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट से उपचुनाव भी लड़ सकते हैं। लेकिन अंततः विधानसभा और लोकसभा सीट दोनों उनके हाथों से निकल गई। बक्सर सीट गठबंधन में भाजपा के हिस्से चली गई। तो वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट पर जदयू ने सुनील कुमार को प्रत्याशी घोषित कर दिया।

बुधवार को सत्ताधारी दल जेडीयू ने अपने सभी 115 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इसमें बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्व पांडेय का नाम शामिल नहीं है। अब पांडेय ने फेसबुक पोस्ट लिखकर अपनी बात कही है। उन्होंने लिखा है कि मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा।

बुधवार की रात पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘अपने अनेक शुभचिंतकों के फोन से परेशान हूं। मैं उनकी चिंता और परेशानी भी समझता हूं। मेरे सेवा मुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा लेकिन मैं इस बार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा। हताश-निराश होने की कोई बात नहीं है। धीरज रखें। मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है। मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा।’

गुप्तेश्वर पांडेय ने आगे लिखा, ‘कृपया धीरख रखें और मुझे फोन नहीं करें। बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी बड़े-छोटे, भाई-बहनों और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम। अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।’

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