बहन की उठ रही थी डोली और भाई की अर्थी, परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल, जानें पूरा मामला

एक ही घर से निकली बहन की डोली और भाई की अर्थी, परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल, जानें पूरा मामला : डोली में बहन की विदाई की तैयारी में जुटा भाई पल भर में सदा के लिए बिछड़ गया। ससुराल विदा होने से पूर्व न ही बहन अपने भाई को देख सकी और न ही सदा के लिए विदा हो चुके भाई को बहन की विदाई देखने का मौका मिल सका। सोमवार सुबह समस्तीपुर जिले के पटोरी थाना क्षेत्र के दक्षिणी धमौन गांव के एक ही घर से पहले डोली में बैठकर बहन विदा हुई और कुछ समय बाद अर्थी पर सदा के लिए विदा हुआ सगा भाई।

इस हृदय विदारक घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया। गांव के लोग बेटी की विदाई के साथ-साथ अपने बेटे की अंतिम विदाई पर घंटों आंसू बहाते रहे। गांव का माहौल इतना गमगीन हो गया कि अधिकांश घरों में न तो चूल्हे जले और ना ही किसी ने अन्न-जल ग्रहण किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार दक्षिणी धमौन निवासी बुधन राय की इकलौती पुत्री की शादी शनिवार को थी।

दरवाजे पर शहनाई की आवाज गूंज रही थी और घर के लोग बेटी की शादी के जश्न में डूबे थे। हाजीपुर के लाल पोखर से बारात, वधू पक्ष के दरवाजे तक पहुंच चुकी थी। घर की महिलाएं तथा बच्चे देव पूजन के लिए समीप के मंदिर में गए हुए थे। इसी दौरान अचानक बिजली चली गई। उस वक्त खाना बनाने के लिए पानी की आवश्यकता थी। पानी उपलब्ध कराने के लिए बुधन राय का छोटा बेटा अविनाश कुमार (20) बिजली आपूर्ति के लिए गली में प्लग लगाने पहुंचा।

अविनाश की नजर अचानक बिजली के तार पर पड़ी जो कहीं से कटा हुआ था। बिजली आपूर्ति काटे बगैर वह तार के कटे हुए हिस्से में टेप चिपकाने लगा। इसी दौरान बिजली आ गई और करंट लगने से अविनाश वहीं गिर पड़ा। गली में होने के कारण किसी का ध्यान उस ओर नहीं गया। जब घर की महिलाएं देव पूजन के बाद वापस लौटी तो उनकी नजर बेहोश पड़े अविनाश पर पड़ी।

आनन-फानन में उसे इलाज के लिए पटोरी लाया गया परंतु चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद परिवार के सदस्यों के बीच मातम पसर गया। परिवार के सदस्यों ने घटना की सत्यता को छिपाते हुए वर-वधू, बारात एवं सगे संबंधियों को यह जानकारी दी कि अविनाश की चिकित्सा अस्पताल में हो रही है। रात में जल्दी-जल्दी शादी की रस्म अदायगी की गई।

सोमवार सुबह अविनाश की बहन ससुराल के लिए विदा हो गई। बहन की विदाई होने के कुछ ही समय बाद उसी दरवाजे पर अविनाश की अर्थी सजाई गई, जहां से उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई। समीप के गंगा तट पर उसकी अंत्येष्टि कर दी गई। अविनाश की अंतिम यात्रा में शामिल हर किसी की आंखें नम थी।

अविनाश के पिता बुधन राय पैरालाइसिस से ग्रस्त हैं और लंबे समय से गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं। इस घटना के बाद अविनाश की मां एवं उसके बड़े भाई का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। इस घटना के बाद पूरे धमौन गांव में मातम पसरा हुआ है।

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