VIP नंबर पर बिहार सरकार का फैसला, एक लाख रुपए से शुरू होगी बोली, ई रिक्शा पर गरीबों को अनुदान

निजी व व्यावसायिक वाहनों (दो पहिया छोड़कर) का मनपसंद नंबर (निबंधन संख्या) लेना महंगा हो गया है। नंबरों के चार अलग-अलग समूह बनाए गए हैं। पहले में पांच नंबर 0001, 0003, 0005, 0007 और 0009 रखे गए हैं। निजी वाहनों के लिए इन पांच नंबरों की नीलामी एक लाख से और व्यावसायिक के लिए 35 हजार से शुरू होगी।

इसी तरह अन्य समूह के नंबरों पर निजी वाहनों के लिए 75 हजार, 50 हजार व 25 हजार से नीलामी शुरू होगी। व्यावसायिक वाहनों के लिए क्रमश: 25 हजार, 20 हजार और 15 हजार से नीलामी शुरू होगी। सभी नंबर ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से वाहन मालिकों को मिलेंगे। जल्द ही इसका आदेश जारी होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि पूर्व में मनपसंद नंबरों के लिए 25 हजार, 15 हजार, दस हजार और पांच हजार देने होते थे।

राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा समेत अनेक राज्यों में यही व्यवस्था लागू है। बिहार में फिलहाल वाहन मालिकों को वीआईपी नंबर के लिए 25 हजार से लेकर 5000 रुपए तक खर्च करना पड़ता था। कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि सर्वाधिक बोली लगाने वाले को एच-1 घोषित किया जाएगा। उसे बोली लगाने के सात दिनों के भीतर पूरी रकम जमा करनी होगी। अगर कोई वीआईपी नंबर नीलाम नहीं होता है तो उसे सामान्य दर पर ही राज्य सरकार की गाडियों को आवंटित किया जा सकेगा।

30 अगस्त 2018 से पहले पूरा हो चुके फ्लैटों की रजिस्ट्री में रेरा के निबंधन की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नए प्रावधान के अनुसार वैसे प्रोजेक्ट जिनके कम से कम एक फ्लेट की रजिस्ट्री 30 अगस्त 2018 से पहले हो चुकी होगी उसे पूर्ण माना जाएगा। अभी तक एक मई 2017 से पहले के प्रोजेक्ट को पूर्ण माना जाता था। अभी तक रेरा में निबंधित प्रोजेक्ट के फ्लैटों की रजिस्ट्री की जा रही थी। ऐसे प्रोजेक्ट के खरीदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जो राज्य में रेरा के लागू होने के पहले पूरे हो चुके थे और किसी कारण उनकी रजिस्ट्री नहीं हो सकी थी। इससे राजस्व वसूली पर भी असर पड़ रहा था।

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना में अब हर पंचायत में एससी-एसटी के 3 और ओबीसी के 2युवाओं को ई-रिक्शा खरीद के लिए भी 50 % अनुदान मिलेगा। अधिकतम राशि 70 हजार होगी।

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