CM नीतीश के जाने के बाद भी SkMCH में लचर व्यवस्था, बार-बार बिजली कटने से मरीजों को हो रही परेशानी

PATNA : चमकी बुखार के मरीजों से मिलने कल ही सीएम नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच पहुंचे थे। बावजूद इसके अस्पताल की व्यवस्था ठीक होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा अपडेट के अनुसार अब बिजली ट्रीपिंग की परेशानी भी अब तेज हो गई है। बार बार बिजली कटने से मरीजों को परेशानी हो रही है। एसकेएमसीएच के अधीक्षक ने डीएम को पत्र लिखकर समाधान करने को कहा गया है।

मुजफ्फरपुर पहुंचे पत्रकार ऋषिकेश शर्मा के अनुसार मुख्यमंत्री आये और आकर चले गए लेकिन बेड और डॉक्टरों की कमी, परिसर में गंदगी और साफ़ पीने का पानी से अभी तक कोई निजात नहीं। शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पीने का साफ़ पानी तक नहीं सोचकर आपको बहुत हैरानी हुई होगी। हमारी टीम की ओर से 1-2 वाटर प्यूरीफायर लगाने की योजना है और साथ ही परिजनों के लिए कल से खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाएगी।

अस्पताल प्रशासन ने आईसीयू और जनरल वार्ड में मीडिया का प्रवेश वर्जित कर दिया है। बीते दिनों की रिपोर्टिंग को देखते हुए आपको यह फैसला सही लग सकता है और है भी लेकिन अंजना ओम कश्यप जैसी पत्रकार पत्रकारिता के साख को इसी स्तर तक गिराना चाहते हैं। आज ये बताने पर कि हम मीडिया से हैं वो हमलोगों से बात तक करने के लिए तैयार नहीं थे। जिस समन्वय के साथ हमलोगों को काम करना चाहिए था अंजना ओम कश्यप ने वो दूरी इतनी बढ़ा दी कि डॉक्टर पत्रकारों से एक साधारण सी बात तक नहीं करना चाह रहे।

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चमकी बुखार पर सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज, अब तक हो हो चुकी है 146 बच्चों की मौ-त: मस्तिष्क ज्वर (एईएस) के चलते बिहार के 146 बच्चों की मौ-त हो चुकी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। कोर्ट याचिका पर सुनवाई को तैयार है। सोमवार को इस मामले में सुनवाई होगी।

याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वह एईएस से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए तत्काल मेडिकल एक्सपर्ट्स की एक टीम गठित करने का निर्देश दे। बच्चों के इलाज के लिए 100 मोबाइल आईसीयू बनाया जाए। डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाए।

याचिका में एईएस से इतने अधिक बच्चों की मौ-त के लिए बिहार सरकार की विफलता बताई गई है। बच्चों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है यह तय करने की मांग की गई है। पीआईएल में कहा गया है कि बिहार सरकार बच्चों के उचित इलाज का प्रबंध करे और पीड़ित परिवार को मुआवजा दे।

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