खरमास खत्म होते ही बिहार की राजनीति में बवाल, भाजपा—जदयू में झगड़ा शुरू, क्या सच में खेला होबे

PATNA- जदयू- भाजपा में सोशल मीडिया पर तकरार, पंचायत में जाकर देखें, पुलिस की भूमिका समझ में आ जाएगी : जायसवाल, क्षेत्रीय दलों ने राष्ट्र की अस्मिता को ठेस पहुंचाया है : निखिल आनंद, जायसवाल गिरेबान में झाकें गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए : अभिषेक झा, कुछ नेता भस्मासुरी प्रवृत्ति के : अरविंद : जदयू प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल से सवाल पूछा। कहा कि आप अपने गिरेबान में झांक कर देखिए कि बीते एक वर्ष में आपने एनडीए गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए हैं? यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेजा जा सकता है।

जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे। एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत? आपने जदयू प्रवक्ता से जदयू पार्टी को जोड़ने की बात कही है। शराबबंदी की नीति के खिलाफ या सरकार के खिलाफ आपने जो भी बातें कही हैं वह पार्टी का बयान है ना?

जवाब में अपने पोस्ट में संजय जायसवाल ने कहा कि मेरे लोस क्षेत्र में जहरीली शराब से हुई मृत्यु में, मेरे जाने पर अभिषेक झा जवाब मांग रहे हैं। यह सवाल जदयू द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है, व्यक्तिगत नहीं। मैं जहरीली शराब से मौत पर परिवारजनों के घर गया था। अगर भविष्य में भी मेरे क्षेत्र में इस तरह की दुर्घटना हुई तो मैं जाऊंगा व आर्थिक मदद भी करुंगा। गुनाहगार मरने वाले थे न कि उनके परिवारजन। अगर कोई जहरीली शराब से मरता है तो उसने निश्चित तौर पर अपराध किया है पर इससे प्रशासनिक विफलता के दाग को बचाया नहीं जा सकता। जब मैं इस शासन के एक घटक का अध्यक्ष हूं तो यह मेरी भी विफलता है। वैसे अभिषेक झा को याद दिला दूं कि कि मैंने मीडिया में कहा था कि शराबबंदी कानून की पुन: समीक्षा होनी चाहिए। मैं 100 शराबबंदी का समर्थक हू पर जिस श्रेणी का अपराध हो सजा उसी श्रेणी की हो। 10 वर्ष जेल केवल उन पुलिस अफसरों के लिए होना चाहिए जिन्होंने सीएम नीतीश कुमार की इतनी अच्छी सामाजिक सोच को नुकसान पहुंचाया है। मेरी बात समझ में नहीं आ रही हो तो मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपनी पंचायत के किसी भी व्यक्ति से संपर्क कर लें। शराबबंदी और पुलिस की भूमिका समझ में आ जाएगी।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्रीय दलों ने भारत के समाज, राजनीति, राष्ट्र की अस्मिता और गौरव को जितनी ठेस पहुंचायी है उतना किसी ने नहीं। क्षेत्रीय दल अमूमन या तो परिवार की पार्टियां हैं या फिर निजी पॉकेट की दुकान हैं। सफाई देते हुए कहा कि उपर्युक्त बातें उन्होंने किसी खास राजनीतिक दल या उसके नेता के संदर्भ में नहीं कही है बल्कि राष्ट्रचिंतन की धारा के तहत आम संदर्भ में कही जा रही है।

बीजेपी प्रवक्ता अरविन्द सिंह ने उपेन्द्र कुशवाहा पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार के कुछ नेता भस्मासुरी प्रवृत्ति के हैं। उनका दर्द सम्राट अशोक पर नहीं है। ये कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना वाली बात है। कहा कि बहुत लोगों को अलग-अलग किस्म की बेचैनी है।

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