आधी रात लखीमपुर खीरी के लिए निकलीं प्रियंका गांधी, लखनऊ में पुलिस से झड़प, रोकने पर पैदल भी चलीं

लखीमपुर की घटना पर सियासी हलचल उस वक्त तेज हो गई जब कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी रविवार रात को लखनऊ पहुंचीं। वह आधी रात ठीक 12 बजे लखीमपुर के लिए निकल गईं। लखनऊ पहुंचने के बाद वह कौल हाउस पहुंची जहां पुलिस ने उन्हें हाउस अरेस्ट करने की कोशिश की। रात 12 बजे वह कौल हाउस से बाहर आयीं और पुलिस से रोके रखने का काऱण पूछा। इसके बाद वह यहां से पैदल ही चल पड़ीं और बालू अड्डे चौराहे के आगे जाकर गाड़ी में बैठ कर लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं।

उनके साथ सांसद व स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना, वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के अलावा अंशु तिवारी, मुकेश सिंह चौहान, लल्लन मिश्र समेत कई नेता हैं। खबर लिखे जाने तक वह सीतापुर की सीमा में प्रवेश कर चुकी थीं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री व उत्तर प्रदेश के पर्यवेक्षक भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के सोमवार को लखीमपुर पहुंचने की सूचना है। वहीं प्रदेश अध्य्क्ष अजय कुमार लल्लू मेरठ में है और वे वहां से सीधे लखीमपुर पहुंच रहे हैं।

प्रियंका ने कहा कि मैं किसानों के परिवारों से मिलना चाहती हूं। उनके परिवार के आंसू पोछना चाहती हूं। इसमे सरकार को कोई आपत्ति क्यो हैं? जब मैं पुलिस से आर्डर मांग रही हूं तो वो छुप रहे हैं। इससे पहले प्रियंका ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला और कहा कि भाजपा देश के किसानों से कितनी नफ़रत करती है? उन्हें जीने का हक नहीं है? यदि वे आवाज उठाएंगे तो उन्हें गोली मार दोगे, गाड़ी चढ़ाकर रौंद दोगे? बहुत हो चुका। ये किसानों का देश है, भाजपा की क्रूर विचारधारा की जागीर नहीं है। किसान सत्याग्रह मजबूत होगा और किसान की आवाज और बुलंद होगी।

लखीमपुर में किसानों की मौत के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ने भी वहां जाने की घोषणा की है। अखिलेश यादव सोमवार की सुबह रवाना होंगे। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को हाउस अरेस्ट कर दिया गया है। चंद्रशेखर आजाद को सीतापुर में हिरासत में ले लिया गया। उन्हें पुलिस लाइन भेजा गया है।

लखीमपुर खीरी में हुए बवाल में अब तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। घटनाक्रम के अनुसार रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लखीमपुर खीरी में थे। दोपहर में उनको केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीरपुर जाना था। उप मुख्यमंत्री के आने के विरोध में सुबह से ही किसान उतर आए थे। तिकुनियां के महाराजा अग्रसेन इंटर कालेज में बनाए गए हेलीपैड पर किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियां खड़ी कर दीं। सैकड़ों की संख्या में काले झंडे लेकर किसान वहां मौजूद थे और उप मुख्यमंत्री के विरोध का ऐलान कर रहे थे। इसी बीच बनवीरपुर से निकली भाजपा नेताओं की गाड़ियां किसानों की भीड़ में घुस गईं। वहां किसानों के साथ विवाद हुआ तो गाड़ियों ने किसानों को रौंद दिया। हादसे में 12 से ज्यादा किसान जख्मी हो गए। इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने हादसा करने वाली गाड़ियों में तोड़-फोड़कर आग लगा दी। कार में जो भाजपाई मिला, उसको पीटा। इसके बाद भगदड़ मच गई। किसानों का आक्रोश देखकर पुलिस भी मैदान छोड़कर भाग खड़ी हुई। घटना में कई पत्रकार भी गंभीर जख्मी हो गए। बवाल के बाद पुलिस ने तिकुनिया से पहले ही बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया।

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