माँ का सपना साकार करने के लिए बिटिया बनी IAS अफसर, UPSC में किया कमाल, देश भर में मिला रैंक 57

बिना कोचिंग के 23 साल की उम्र में ऐसे बनीं IAS अफसर, पूरा किया मां का सपना :

आईएएस-आईपीएस बनने का ख्वाब लेकर हर साल यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम में 10 लाख से अधिक एस्पिरेंट्स शामिल होते हैं. जिसमें से फाइनल सेलेक्शन करीब एक हजार कैंडिडेट्स का होता है. क्योंकि एक हजार के करीब वैकेंसी ही होती है. इसके लिए कोचिंग करते हैं. लेकिन कुछ लोग बिना कोचिंग के ही पहले अटेम्पट में यूपीएससी एग्जाम क्रैक करके आईएएस बन जाते हैं. आज आपकी मुलाकात एक ऐसी ही आईएएस अफसर अदिति वार्ष्णेय. जिन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर पहले अटेम्पट में यूपीएससी 2022 क्लीयर किया ऑल इंडिया 57वीं रैंक के साथ.

अदिति वार्ष्णेय उत्तर प्रदेश के बरेली की रहने वाली हैं. उनकी स्कूलिंग भी बरेली के ही बिशप कोनराड स्कूल हुई है. वह तीन भाई-बहन में सबसे बड़ी हैं. उनके पिता कपड़े के स्थानीय व्यापारी हैं और मां हाउस मेकर हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार अदिति ने यूपीएससी परीक्षा के लिए जीएस की कोई कोचिंग नहीं ज्वाइन की थी.

अदिति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के जीसस एंड मैरी कॉलेज से बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में दाखिला लिया था. लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में लग गईं. उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम पहले प्रयास में क्लीयर किया. उनकी ऑल इंडिया 57वीं रैंक थी.

अदिति ने अपने कई इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने जीएस की कोई कोचिंग नहीं की थी. लेकिन सोशियोलॉजी की तैयारी के लिए टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी. यूपीएससी मेन्स एग्जाम में सोशियोलॉजी उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट था. जब यूपीएससी का रिजल्ट आया तो उन्हें अपनी कामयाबी पर एकबारगी तो यकीन ही नहीं हुआ. इसलिए उन्होंने रिजल्ट का पीडीएफ फाइल दोबार डाउनलोड किया.

दिलचस्प बात है कि अदिति की आईएएस अफसर बनने की यात्रा उनकी मां के अधूरे सपने से पैदा हुई. घर में हाउसमेकर की भूमिका निभाने वाली मां इंदु वार्ष्णेय के मन में भी आईएएस अफसर बनने की इच्छा थी. यह सपना उनकी बेटी ने साकार किया.

अदिति की कहानी सिर्फ एजुकेशनल अचीवमेंट्स के बारे में नहीं है. यह यह दृढ़ता, आत्म-विश्वास और सपनों की शक्ति के बारे में भी है. यह अदिति की उपलब्धि साबित करती है बि यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने के लिए कोचिंग ही एक मात्र रास्ता नहीं है. समर्पण, अनुशासन और एक मजबूत स्टडी प्लान के साथ सफलता हासिल की जा सकती है.

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