बिहार के प्राइवेट हास्पिटलों में हो रहा बच्चा बेचने का धंधा, एसडीएम के स्ट्रिंग आपरेशन में खुलासा

मधेपुरा के चौसा में अवैध नर्सिंग होम में इलाज की आड़ में बच्चे खरीदने-बेचने का धंधा पिछले डेढ़ सालों से चल रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही शुक्रवार को जिला प्रशासन ने कार्रवाई कर चौसा थाने के समीप के बाबा विशु राउत हॉस्पिटल के संचालक रिंकेश कुमार रवि और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया। संचालक के खिलाफ बिना लाइसेंस के प्राइवेट अस्पताल चलाने का और नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त का केस दर्ज कराया गया है।

उदाकिशुनगंज के एसडीएम राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि डीएम श्याम बिहारी मीणा को ऐसी सूचना मिली थी कि चौसा में डेढ़ साल से बिना मान्यता के बाबा विशु राउत हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही यहां नवजात शिशु की बिक्री भी की जा रही है। खुद एसडीएम का गार्ड बच्चा खरीदने के लिए गया। अस्पताल की ओर से बच्चे का 80 हजार रुपए रेट तय किया गया। तोल-मोल के बाद संचालक ने 65 हजार में नवजात की बिक्री की। डीएम के आदेश पर टीम बनाकर शुक्रवार को इस प्राइवेट हॉस्पिटल में छापेमारी की गई तो आरोप सच साबित हुए। इसके बाद टीम ने हॉस्पिटल के संचालक और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया।

मधेपुरा में निजी अस्पताल संचालक समेत दो गिरफ्तार
बच्चों की बिक्री का धंधा इस अस्पताल में करीब डेढ़ साल से चल रहा था। बिन ब्याही मां के बच्चे काे सुरक्षित रखकर बाद में बेच दिया जाता था। बताया गया कि हॉस्पिटल में कई तरह के रोगों का इलाज किया जाता था। इसके साथ ही यहां दवा काउंटर से लेकर कई तरह की जांच की सुविधा भी दी गई थी। प्रशासन ने हॉस्पिटल को सील कर वहां भर्ती कुछ मरीजों को रिलीज कर दिया और गंभीर को रेफर कर दिया गया।

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