महाराष्ट्र सरकार ने रेलमंत्री को लिखा पत्र, कहा-स्पेशल ट्रेन चलाओ, ‘बिहारी’ मजदूरों को ले जाओ

New Delhi : महाराष्ट्र के डिप्टी CM Ajit Pawar ने रेल मंत्री Piyush Goyal से आग्रह किया है कि तीन मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद महाराष्ट्र में फंसे कामगारों को उनके गृह राज्यों तक ले जाने के लिये मुंबई और पुणे से विशेष ट्रेनें चलाई जाएं। अजित पवार ने कहा कि हमें आशंका है कि 3 मई के बाद महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था कामगारों की वजह से खराब हो सकती है।

एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्पेशल ट्रेन चलाकर प्रवासी मजदूरों को घर भेजने की मांग केंद्र सरकार से की थी।

गुरुवार को महाराष्ट्र के डिप्टी चीफ मिनिस्टर अजित पवार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा – महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगार लॉकडाउन खत्म होने के बाद अपने घरों को जाने के लिये बड़ी संख्या में बाहर निकल सकते हैं। इससे कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है। पवार ने कहा कि इससे बचने के लिये रेल मंत्रालय को विशेष ट्रेनें चलानी चाहिए।

अजित पवार ने रेलमंत्री से आग्रह किया है – प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के लिए विशेष ट्रेनें पुणे और मुंबई से चलाई जाएं। अजित पवार ने चिट्ठी में सरकार को चेतावनी देते हुए लिखा कि मजदूर आक्रोशित हो रहे हैं। अगर इन्हें घर नहीं भेजा गया तो कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। उन्होंने लिखा है – रेल मंत्रालय को देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेनों के लिए अग्रिम योजना तैयार करनी चाहिए। हाल ही मुंबई में ऐसी ही घटना देखने को मिली थी। जिसमें हजारों की संख्या में मजदूर मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा हो गए थे। वे घर जाने के लिए ट्रेनें चलाने की मांग करने के साथ नारेबाजी कर रहे थे।

एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी केंद्र सरकार से मांग की थी कि स्पेशल ट्रेन चलाकर प्रवासी मजदूरों को उनके उनके राज्य भेजा जाये। उन्होंने कहा था कि मजदूर बिना काम के और परिवार से दूर मानसिक रूप से कमजोर हो गये हैं। उनके आफिस अकाउंट से मंगलवार की देर रात यह ट्वीट किया गया था। इससे पहले उद्धव के लड़के आदित्य ठाकरे ने भी बांद्रा में मजदूरों के एकाएक स्टेशन पहुंचने और हंगामा होने का ठीकरा केंद्र सरकार पर ठोंका था और कहा था कि केंद्र को स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था कर मजदूरों को अपने अपने घर भेजना चाहिये।

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