लालू को ध’मकी देने के बाद जीतन राम मांझी को याद आया अपना पुराना मित्र

Patna: बिहार में विपक्षी महागठबंधन में मचे घमासान के बीच यह बड़ी खबर है. मंगलवार की देर शाम महागठबंधन के घटक दल हिंदुस्‍तानी अवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड (JDU) के सुप्रीमो व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से लंबी मुलाकात की.

तो वहीं इस मुलाकात के ठीक एक दिन पहले मांझी ने राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को ध’मकी देते हुए कहा था कि अगर आरजेडी का रवैया नहीं बदला तो वे मार्च के बाद बड़ा फैसला लेने के लिए स्‍वतंत्र होंगे. मांझी की नीतीश से मुलाकात को उनकी महागठबंधन में नाराजगी से जोड़ कर देखा जा रहा है. हालांकि, इस मुलाकात पर राजनीति गरमाती देख मांझी ने सफाई दी कि वे अपने विशेष सुरक्षा दस्‍ता की सुरक्षा में की गई कटौती के संबंध में मुख्‍यमंत्री से मुलाकात करने गए थे.

मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम जीतन राम मांझी ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर बंद कमरे में करीब 50 मिनट तक बात की. ‘हम’ के प्रवक्‍ता दानिश रिजवान ने इसे दो नेताओं की विकास के मुद्दे पर सामान्‍य मुलाकात बताया. लेकिन यह भी स्‍वीकार किया कि जब दो राजनेता मिलते हैं तो राजनीति की बात तो होती ही है. अब इस मुलाकात में राजनीति की क्‍या बातें हुईं, इसे लेकर सियासी कयास लगाए जा रहे हैं.

मुलाकात पर गरमाती सियासत को ले मांझी ने भी सफाई दी. उन्‍होंने कहा कि वे मुख्‍यमंत्री ने बीते 14 मार्च को हटाई गई अपनी एसएसजी सुरक्षा को फिर बहाल करने की बाबत बात करने गए थे. पूर्व मुख्‍यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी को भी यह सुरक्षा मिली हुई है. मांझी ने बताया कि मुख्‍यमंत्री ने उनके आग्रह पर उनकी एसएसती सुरक्षा बहाल करने की पहल की है. लेकिन माना जा रहा है कि मांझी व नीतीश की इस 50 मिनट लंबी की मुलाकात में और भी कई मामलों पर विमर्श हुआ होगा. कयासबाजी इसी को लेकर है.

महागठबंधन में घमासान: लालू को धमकी देने के बाद अब नीतीश से मिले मांझी, सियासत गर्म

विदित हो कि मांझी लंबे समय से महागठबंधन में नाराज चल रहे हैं. महागठबंधन में समन्‍वय समिति के गठन तथा सभी बड़े फैसले समन्‍वय समिति द्वारा लेने की उनकी मांग की अभी तक अनसुनी होती रही है. बीते दिनों आरजेडी के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि महागठबंधन में लालू प्रसाद यादव ही नेता हैं और तेजस्‍वी यादव मुख्‍यमंत्री चेहरा. जिसे इसपर आपत्ति हो, बाहर जा सकता है. बाद में जगदानंद सिंह के बयान पर डैमेज कंट्रोल के बयान भी आए, लेकिन स्थित नहीं बदली. इससे जीतन राम मांझी नाराज हैं.

बीते दिन जीतनराम मांझी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना ध’मकी देते हुए कहा था कि आरजेडी महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में है, लेकिन यह भूमिका ठीक से नहीं निभा रहा है. यही हाल रहा तो छोटे घटक दल मार्च के बाद बड़ा फैसला ले सकते हैं.

मांझी के उक्‍त बयान पर आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि महागठबंधन को आरजेडी ने बनाया है. कुछ लोगों विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में अधिक सीटों के लिए दबाव की राजनीति कर रहे हैं. भाई वीरेंद्र ने यह भी कहा कि शायद मांझी कहीं से गाइड हो रहे हैं.

महागठबंधन में मचे रार के बीच घटक दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) ने भी आरजेडी को अहंकार छोड़ने की नसीहत दी. आरएलएसपी के प्रधान महासचिव माधव आनंद ने कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि तेजस्वी यादव सीधे मुख्यमंत्री बन जाएं, लेकिन ऐसा तब तक संभव नहीं, जब तक सभी एकमत नहीं हों. अन्‍यथा नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बन जाएंगे. उधर, कांग्रेस (Congress) के सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने समन्वय समिति बननी चाहिए. उन्‍होंने मिलजुल कर मतभेद समाप्‍त करने पर बल दिया.

उधर, महागठबंधन के इस झगड़े पर एनडीए में खुशी देखी जा रही है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि महागठबंधन में समन्वय का अभाव है तथा आरजेडी अकेले ही संपूर्ण सत्‍ता चाहता है. ऐसे में महागठबंधन ज्‍यादा दिन नहीं चलेगा.

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