मोदी सरकार में मारुति का हाल बेहाल, तेजी से हो रहे घाटे के कारण 1181 कर्मचारियों की हुई छुट्टी

मारुति सुजुकी इंडिया के अस्थाई कर्मचारियों की संख्या इस साल की पहली छमाही (जनवरी-जून) में 1,181 घटकर 18,845 रह गई। यह 2018 की पहली छमाही के मुकाबले 6% कम है। पहली बार मारुति के अस्थाई कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है। छंटनी प्रक्रिया में अप्रैल से ज्यादा तेजी आई। ऑटो इंडस्ट्री में स्लोडाउन की वजह से कंपनी ने ऐसा किया। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट दी।

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रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि स्लोडाउन खत्म होने तक मारुति नई भर्तियां भी नहीं करेगी। हालांकि, कंपनी ने इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। मारुति ने कुछ समय पहले कहा था कि उसने पहली छमाही में प्रोडक्शन में 10.3% कटौती की है। जुलाई में कंपनी की बिक्री भी 33.5% घट गई। रिपोर्ट के मुताबिक ऑटो इंडस्ट्री 10 साल के सबसे खराब दौर से गुजर रही है। वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है। हालात जल्द सुधरने की उम्मीद काफी कम है।

डेटा ग्रुप सीएमआईई के मुताबिक देश में बेरोजगारी की दर जुलाई में 7.51% पहुंच गई। पिछले साल जुलाई में 5.66% थी। इसमें दिहाड़ी मजदूरों के आंकड़े शामिल नहीं हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अर्थशास्त्री बेरोजगारी के सरकारी आंकड़ों अमान्य और अविश्वसनीय बता रहे हैं। ऑटो इंडस्ट्री के स्लोडाउन से स्थिति और बिगड़ सकती है।

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