बिहार के अखबार क्या इतनी हिम्मत कर पायेंगे, सरकार के विरोध में ब्लैक रखा पहला पेज

बिहार के नीतीश सरकार पर यह आरोप लगता रहा है कि वे खुद अखबारों को मैनेज करते हैं। एक भी विरोध वाली खबर लिखने पर विज्ञापन रोक देते है।

वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र कहते है कि बिहार में अखबार क्या इतनी हिम्मत कर पायेंगे। या अभी कुछ साल और बिहार सरकार के जनसंपर्क विभाग से चयनित खबरें ही छापते रहेंगे।

ये द ऑस्ट्रेलियन का आज पहला पन्ना है. और भी कई बड़े अखबारों ने आज ऑस्ट्रेलिया में अपना पहला पन्ना ऐसा ही छापा है. कई वेबसाइट्स ने अपना होम पेज ब्लैक कर दिया है. विरोध है मीडिया में बढ़ते सरकारी दखल का. कुछ महीने पहले पुलिस ने एक पत्रकार के घर और एक पत्रकार के दफ्तर पर छापे मारे क्योंकि उन्होंने सरकार विरोधी खबरें लिखी थीं.

उसके बाद से ही देश में लगातार मीडिया की आजादी पर बहस हो रही है. आज उसी बहस को एक कदम आगे बढ़ाते हुए देश के सारे बड़े संस्थान साथ आए हैं. ‘ऑस्ट्रेलियाज राइट टु नो’ नाम से एक अभियान चलाया गया है और ये काले पन्ने उस अभियान की एक कड़ी है.
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