ट्रक में बैठकर गुजरात से पहुंचा 55 मजदूर, कहीं पानी तक नहीं मिला, पटना में उतारकर भागा चालक

सूरत से अपने गांव के लिए चले 55 मजदूर सोमवार की रात ट्रक से पटना पहुंचे। ट्रक मजदूरों को मीठापुर में उतार कर चला गया। मजदूरों ने जक्कनपुर पुलिस को बताया कि हम सबों को ट्रक से अपने घर भेजे जाने की बात कही गई थी। इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति से 3500 रुपए लिए गए। मजदूरों में सिकंदर, संजीव, जयकिशोर आदि ने बताया कि अधिकतर मधुबनी और दरभंगा इलाके के ही रहने वाले हैं। इन लोगों ने कहा कि अब हमारे पास पैसे भी नहीं बचे हैं। मीठापुर में ही देर रात मजदूरों का स्वास्थ्य जांच की गई।

मजदूरों ने कहा कि हमलोग कुछ पानी की बोतल लेकर चले थे। पटना पहुंचने तक खाना नहीं मिला। उन लोगों ने कहा कि पहले हमें गांधी मैदान के पास उतारा गया। वहां गांधी मैदान थाने की पुलिस ने खाने की व्यवस्था की और फिर ट्रक हमें मीठापुर की तरफ लाकर छोड़ दी। जक्कनपुर के थानेदार मुकेश वर्मा ने कहा कि मजदूरों के खाने की व्यवस्था की गई है। सभी की स्वास्थ्य जांच करवाई जा रही है।

एक ऑटो में 12 लोग, एक रस्सी में बांधे गए 3 कैदी, यह कैसी सोशल डिस्टेंसिंग : एक ही रस्सी से तीन कैदियों को बांधकर बेउर जेल ले जाती पुलिस। पुलिस इन्हें ऑटो से लेकर यहां आई थी। इस ऑटो पर चालक के अलावा 5 कैदी आैर 6 पुलिस कर्मी सवार थे। कोरोना के खतरे को देखते हुए गिरफ्तार होने वाले अपराधियों या अन्य आरोपियों के विशेष मेडिकल जांच की व्यवस्था की गई है। इसके तहत ब्लड प्रेशर, बुखार, खांसी, सर्दी समेत अन्य पहलुओं पर परखा जाता है।

स्क्रीनिंग या जांच में दुरुस्त होने पर ही अपराधी को जेल भेजा जाएगा। एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार के मुताबिक बदले हालात स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से अपराधियों या आरोपियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। कोरोना संदिग्ध पाए जाने पर थाने के किसी क्वारेंटाइन सेंटर पर अतिरिक्त सुरक्षा में इन्हें रखा जाएगा।

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