कोरोना काल से निपटने के लिए रेल कर्मियों ने बिहार के इस गांव को लिया गोद

Patna: पूर्व मध्य रेलवे ने अपने सामाजिक सरोकार के तहत कोरोना के संक्रमण काल में एक गांव को गोद लिया है. गया-मुगलसराय (Gaya-Mugalsarai) रेलखंड के डेहरी ऑन सोन (Dehri on Sone) के पास अकोढ़ी गोला प्रखंड के मुड़ि‍यार गांव को रेल कर्मियों ने गोद लिया है. इसके बाद रेलवे के अधिकारी तथा कर्मचारी गांव में आकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं और जरूरत के सामान उपलब्ध करा रहे हैं.

पंडित दीनदयाल उपाध्याय मुगलसराय मंडल के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मियों पदाधिकारियों ने इस गांव के लोगों के बीच आकर कोरोना वायरस से बचने के संबंध में जानकारी दी. इसके साथ ही गांव में घूम घूम कर लोगों के बीच सैनिटाइजर मास्क तथा हैंड ग्लास का वितरण भी किया. इसके अलावा गांव में असहाय तथा गरीब परिवार के बीच राशन के अलावा अन्य खाद्य सामग्री का वितरण किया.

क्या कहते हैं रेलकर्मी

इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे रेलकर्मी वीरेंद्र पासवान ने बताया कि मंडल रेल प्रबंधक पंकज सक्सेना के निर्देश पर यह किया जा रहा है. इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपना अपना सहयोग दिया है. रेलकर्मी अपने सामाजिक सरोकारों के तहत इस कार्यक्रम की शुरुआत की है और यह तब तक चलेगी जब तक कि कोरोना वायरस का संकट खत्म नहीं हो जाता.

COVID-19 से निपटने के लिए रेल कर्मियों ...

रेलवे की पहल से ग्रामीण हैं खुश

मुड़ियार गांव में गरीब तथा दलित वर्ग के लोगों की संख्या अधिक है, इसलिए रेल कर्मियों ने ऐसे गांव का चयन किया जहां ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाई जा सके. फिलहाल गांव के असहाय लोगों को 5 किलो चावल, 5 किलो आटा, साबुन, करू तेल, नमक, आलू, प्याज के अलावा सैनिटाइजर, मास्क आदि भी दिए जा रहे हैं.

गांव में लगेंगे मेडिकल कैंप

रेल कर्मियों ने बताया कि गांव में मेडिकल कैंप लगाया जाएगा और हर व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग भी की जाएगी. पूरे गांव को सैनिटाइज करने की भी योजना है. कोरोना वायरस का जब तक संकट टल नहीं जाता रेलकर्मी इस गांव में बने रहेंगे.

लॉकडाउन के बाद रेलवे ने की पहल

लॉकडाउन के बाद रेलवे की यह पहली पहल है. रेलकर्मियों ने पहली बार किसी गांव को गोद लिया है और उस गांव में रेलवे के कर्मचारी लोगों की सेवा में लगे हैं. रेल कर्मियों के इस सरोकार से ऐसा संभव है कि आने वाले दिनों में कई अन्य गांवों को भी रेलवे गोद लेने की योजना पर काम कर सकती हैं.

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