13 दिनों तक लगातार रिक्शा चलाकर जमुई पहुंचा ये परिवार, दिल्ली में नहीं मिला काम तो करना पड़ा पलायन

Patna: आप यह सुनकर हैरान रह जाएंगे जब आपको कोई कहे कि एक परीवार दिल्ली से बंगाल तक की यात्रा करने निकला है वह भी रिक्शे से! जी हां ये बात सच है, बंगाल के रहने वाले एक मजदूर और उसके परिवार की कहानी कुछ ऐसी ही है. दरअसल लॉकडाउन के बीच मजदूरी करने वाले गोविंद मंडल को दिल्ली में रहकर काम न मिला, तो उसने अपनी जमा पूंजी से एक रिक्शा खरीदा और पत्नी व बेटे के साथ घर फरक्का यानी पश्चिम बंगाल के लिए निकल पड़ा. गोविंद लगातार 13 दिनों तक रिक्शा चलाते हुए शनिवार को जमुई पहुंचा. रिक्शे से दिल्ली से लगभग 1500 किलोमीटर दूर फरक्का जा रहे गोविंद और उसके परिवार की जमुई के खैरा में स्थानीय लोगों और प्रशासन ने मदद की.

दरअसल कोरोना वायरस को लेकर लागू लॉकडाउन में कोई साइकिल तो कोई पैदल ही लंबी दूरी तय कर रहा है. इसी क्रम में शनिवार को जमुई के खैरा में लोगों ने एक महिला व बच्चे को रिक्शे से आते देखा. इलाके में अजनबी चेहरे को देख जब लोगों ने रिक्शा चालक को रोका और उससे पूछताछ की, तो पता चला यह परिवार दिल्ली से फरक्का जाने के लिए रवाना हुआ है. इसके बाद गोविंद मंडल ने लोगों को अपनी कहानी बताई. गोविंद ने स्थानीय लोगों के साथ अपनी बेबसी साझा करते हुए बताया कि रोजगार के अभाव में वह दिल्ली से पत्नी सुलेखा और बेटे के साथ गांव की यात्रा पर निकला है. गोविंद मंडल की कहानी सुनने के बाद खैरा चौक पर ड्यूटी दे रहे पुलिस अधिकारी राजेश पासवान और स्थानीय लोगों ने गोविंद की आर्थिक मदद करते हुए शुभकामना के साथ विदा किया.

पत्नी और बेटे के साथ रिक्शा लेकर फरक्का जा रहे गोविंद मंडल ने बताया कि वह दिल्ली के लाजपत नगर में रहकर मजदूरी का काम करता था. पिछले 3 महीनों में उसने 16 हजार रुपए कमाए थे. इसी बीच लॉकडाउन हो गया. कुछ दिन दिल्ली में रहने के बाद जब उसे काम नहीं मिला, तो पैसे खत्म होने लगे. इसके बाद गोविंद ने अपनी जमापूंजी से रिक्शा खरीदा और परिवार को लेकर घर के लिए निकल पड़ा. गोविंद ने बताया कि उसने दिल्ली में 4800 रुपए में रिक्शा खरीदा और घर रवाना हो गया.

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