मोदी विरोधियों को झटका, 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने किया दखल देने से इंकार, कश्मीर में धीरे-धीरे हटेगी पाबंदी

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य में स्थिति संवेदनशील है और सरकार को हालात सामान्य करने के समय दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा की राज्य में किसी की जान नहीं जाए।

शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य होने का इंतजार करेगी और इस मामले पर दो सप्ताह बाद विचार करेगी। पीठ ने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति इस तरह की है जिसमें किसी को भी यह नहीं मालूम कि वहां क्या हो रहा है। इसीलिए वे दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। .

इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्तातहसीन पूनावाला ने जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां लगाने के केंद्र के निर्णय को कोर्ट में चुनौती दी थी। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि क्षेत्र की स्थिति की रोजाना समीक्षा कर प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने में कुछ दिन लगेंगे। इस दौरान उन्होंने 2016 में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हुए प्रदर्शनों का हवाला भी दिया।

शांति बहाली की कोशिश : पाक की ओर से उकसावे की कार्रवाई के बावजूद केंद्र सरकार कश्मीर में शांति बहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सरकार ने श्रीनगर में 12 अक्तूबर को तीन दिवसीय निवेशकों का सम्मेलन आयोजित करने की योजना बनाई है। वहीं गृहमंत्रालय ने बताया कि 9 अगस्त को श्रीनगर के सौरा में शरारती तत्वों ने अशांति फैलाने की कोशिश की थी लेकिन सुरक्षाबलों ने गोलियां नहीं चलाई थीं।.

ट्रंप का मध्यस्थता का विचार नहीं : अमेरिका में भारतीय राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कश्मीर पर मध्यस्थता का विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने स्पष्ट कहा था कि कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव इसपर निर्भर है कि भारत और पाक इसे स्वीकार करें। चूंकि भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसलिए स्पष्ट है कि अब यह प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के बयान पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, हमें विमान नहीं सिर्फ कश्मीर के लोगों, मुख्यधारा के नेताओं और हमारे सैनिक भाइयों से मिलने की आजादी दीजिए।

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