ट्रेनों को रद्द करने का सवाल ही नहीं, राजधानी और श्रमिक स्पेशल ट्रेन का परिचालन जारी रहेगा

PATNA : बिहार सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए किसी भी राज्य से ट्रेन की एनओसी नहीं देने से साफ इनकार किया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि जरूरत के अनुसार सभी राज्यों से बिहार ट्रेन भेजने की अनुमति दी जा रही है।

कहा है कि जहां तक यूपी का सवाल है वहां से भी कई ट्रेनों की अनुमति दी गई है। नोएडा से 10 ट्रेनों को मंजूरी दी गई जिसमें 16 मई को 4, 17, 18 और 19 को 2-2 ट्रेन आएगी। सभी ट्रेनें दादरी और धनकोल से ही खुलेंगी। इसके अलावा गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी और आगरा से भी ट्रेनों के आने की अनुमति दी गई है। वाराणसी से दो ट्रेनों की जो अनुमति दी गई वह आज तक नहीं खुली। आगरा से दो ट्रेन में एक ही खुली है ।

आपदा प्रबंधन के ओएसडी संजय सिंह ने कहा कि केवल ट्रेनों की मांग करने से ही सरकार उसकी अनुमति नहीं देती है। देशभर से प्रवासी बिहारियों को लाने के लिए सरकार काम कर रही है। ट्रेनों की अनुमति देते समय इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि यात्रियों को उतारने से लेकर क्वॉरेंटाइन कैम्पों तक बसों से सुचारू रूप से भेजा जा सके। उसी के आधार ट्रेनों को विभिन्न राज्यों से आने की अनुमति दी जा रही है।

आज 32 ट्रेनों से 47 हजार प्रवासी आएंगे : विभिन्न राज्यों से 32 विशेष ट्रेनों से शुक्रवार को 46 हजार 795 प्रवासी बिहार आएंगे। गुरुवार को भी 34 ट्रेनों से 51 हजार लोग आए। इन सभी को प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर पर बसों आदि से भेजा जा रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क सचिव अनुपम कुमार ने यह जानकारी दी।

बताया कि शुक्रवार को जो 32 ट्रेनें आएंगी, उनमें पंजाब से छह, गुजरात, हरियाणा व महाराष्ट्र से चार-चार, दिल्ली, राजस्थान व तमिलानाडु से 3-3 ट्रे्रनें शामिल हैं। ये ट्रेनें कटिहार, अररिया, सीतामढ़ी, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा, बांका, दानापुर, छपरा, पूर्णियां, दरभंगा, भोजपुर, मोतिहारी, सीवान, सुपौल, बरौनी में रुकेंगी।

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