बिहार सरकार ने स्कूली बच्चों को किताब मिली या नहीं मॉनीटरिंग के लिए बनी अधिकारियों की टीम

Patna:बिहार सरकार ने राज्य के सभीशिक्षा का अधिकार कानून के तहत 6-14 आयु वर्ग के बच्चों की मुफ्त पढ़ाई के लिए पाठ्य पुस्तक देना है। इसके लिए 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों के दो लाख से अधिक बच्चों को किताब खरीद के लिए राशि मिली या नहीं? बच्चों के पास किताब है या नहीं? स्थानीय बाजार में किताब की उपलब्धता की स्थिति क्या है? इन सभी मामलों की जांच और मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग ने हर जिला के लिए अधिकारियों की टीम गठित की है।

प्रत्येक अधिकारी अपने निर्धारित जिले में 10 से 25 जुलाई तक के किसी भी कार्यदिवस पर तीन दिनों तक मॉनीटरिंग व जांच करेंगे। राज्य स्तरीय दल के अधिकारी अपने साथ जिला स्तर के एक अधिकारी भी साथ रखेंगे। अधिकारियों की टीम तीन से चार प्रखंडों में 10 से 12 स्कूलों में जाकर मॉनिटरिंग करेंगे। इस संबंध में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के एसपीडी संजय सिंह ने आदेश जारी कर दिया है।

दरसल बिहार में शिक्षा की स्थिति बहुत दयनीय हो चुकी है। मनमानी करने का कोई हिसाब नहीं है। सरकारी काम सिर्फ कागज पर ही दिखते है। अभी प्रदेश में शिक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मतलब साफ है जब किताबें ही नहीं रहेगी तो बच्चे आखिर पढ़ेंगे क्या। सूबे के सरकारी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में बच्चों के खाते में राशि और किताबें उपलब्ध करा देनी थीं। लेकिन मिलना तो दूर जिले के बच्चों को नई किताब देखने तक को नहीं मिली हैं। ऐसे में इन सभी मामलों की जांच और मॉनीटरिंग के लिए शिक्षा विभाग ने हर जिला के लिए अधिकारियों की टीम गठित की है।

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