उन्नाव रे’प कांड में SC का बड़ा फैसला, यूपी से बाहर केस ट्रांसफर करने का दिया निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और यूपी के अफसरों से उन्नाव केस की पूरी जानकारी मांगी है. गुरुवार को पी’ड़िता के साथ हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए मामले से जुड़े सभी केस यूपी से बाहर ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जांच अधिकारियों से उन्नाव केस की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों को केस की स्टेटस रिपोर्ट के साथ दोपहर 12 बजे कोर्ट में पेश होने के लिए कोर्ट ने कहा है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव दु’ष्कर्म पीड़िता द्वारा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखी गयी चिट्ठी पर बुधवार को संज्ञान लिया. चिट्ठी नहीं मिलने पर सीजेआइ गोगोई ने नाराजगी जतायी और अपने सेक्रेटरी जनरल से एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी है. जस्टिस गोगोई ने सेक्रेटरी जनरल से पूछा है कि 12 जुलाई को लिखी गयी चिट्ठी उनके सामने अब तक क्यों पेश नहीं की गयी? उन्होंने बताया कि उन्हें मीडिया में चल रही खबरों से इस चिट्ठी के बारे में जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश, यह चिट्ठी अभी तक सामने नहीं आयी है, लेकिन समाचार पत्रों में ऐसे खबर प्रकाशित हुई है कि मानो मैंने इस चिट्ठी को पढ़ लिया है और इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है. चीफ जस्टिस गुरुवार को यानी आज उन्नाव केस की सुनवाई करेंगे. आपको बता दें कि दुष्कर्म पीड़ित ने इस चिट्ठी में अपनी जान को खतरे की आशंका जतायी थी और कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया था.


उन्नाव रे’पकांड पी’ड़िता की चाची का अं’तिम सं’स्कार बुधवार को संपन्न हुआ. शुक्लागंज के पक्के घाट पर अं’तिम सं’स्कार करने पी’ड़िता के चाचा पहुंचे थे. रायबरेली जेल में बंद पी’ड़िता के चाचा ने पत्नी की चिता को मुखाग्नि दी. मुखाग्नि देने के बादउन्होंने मीडिया से बात करने की कोशिश की लेकिन प्रशासन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी. हालांकि वह इस दौरान जोर-जोर से चीखकर कह रहे थे कि ‘सेंगर मेरा पूरा परिवार खा गया.’ पी’ड़िता के चाचा ने जैसे ही चि’ता में आग लगायी, पुलिस ने कोर्ट आदेश का हवाला दिया और उन्हें वापस ले जाने का दबाव बनाया जिससे पी’ड़िता के चाचा गुस्से में आ गये. वे सभी क्रि’याकर्म पूरे करने के बाद ही जाने की बात कहने लगे जिसकी अनुमति बाद में जिला प्रशासन ने दी.

पीड़िता ने 12 जुलाई को सीजेआइ गोगोई को चिट्ठ लिख कर मदद मांगी थी. इस चिट्ठी में विधायक सेंगर की ध’मकियों का जिक्र किया गया था. चिट्ठी में दावा किया गया है कि 7-8 जुलाई को सेंगर से कथित संबंध रखने वाले कुछ लोगों ने पीड़ित के परिवार को गं’भीर परिणामों की चेतावनी दी थी. चिट्ठी पर पीड़ित, उसकी मां और चाची के हस्ताक्षर हैं. चिट्ठी के अनुसार, सात जुलाई को ब’लात्कार मामले में एक आरोपी के बेटे नवीन सिंह, शशि सिंह, मनोज सिंह, (सेंगर के भाई) और कन्नू मिश्रा उनके घर आये थे और उन्हें ध’मकी दी थी. पत्र में उन्हें ध’मकी देने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. इस चिट्ठी को इलाहाबाद हाइकोर्ट और यूपी सरकार के अन्य प्राधिकारियों को भी भेजा गया था.

सीबीआइ ने उन्नाव पी’ड़िता के सड़क दु’र्घटना मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और 10 अन्य के खिलाफ ह’त्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है. सीबीआइ का एक दल रायबरेली के गुरबख्शगंज पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर िदया है. इधर, लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर प्रभारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया िक पी’ड़िता और उनके वकील की हालत ना’जुकबनी हुई है. उनमें कोई सुधार नहीं हो रहा है. दोनों अभी भी होश में नहीं हैं. पी’ड़िता के शरीर में कई जगह हड्डियां टू’टी हैं.

कार दु’र्घटना में भाजपा विधायक सेंगर, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह और अवधेश सिंह के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है.

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