स्वीपर की बिटिया बनी अफसर, नगर परिषद कार्यालय में साफ-सफाई का काम करते हैं प्रियंका के माता-पिता

PATNAप्रियंका के मम्मी-पापा नगर परिषद में सफाई कर्मचारी हैं : मेरा नाम प्रियंका है और मेरे मम्मी पापा नगर परिषद में सफाई का काम करते हैं. आसान भाषा में कहा जाए तो वे दोनों स्वीपर है. नगर परिषद कार्यालय में साफ सफाई का काम करते हैं. बावजूद इसके उन्होंने बचपन से ही मुझे पढ़ा लिखा कर अफसर बनाने का सपना देखा. मम्मी पापा कहते हैं कि जब नगर परिषद में उन्हें सफाई कर्मी बन नौकरी करने का मौका मिला तो उन्होंने कई बड़े-बड़े अधिकारियों को देखा. अधिकारियों का रुतबा देख उन्होंने एक सपना देखा कि अपने बेटा और बेटियों को भी पढ़ा लिखा कर अफसर बनाएंगे.

सफाईकर्मी की बेटी बना RAS अफसर, परिवारिक स्थिति कमजोर, 15-16 घंटे पढ़ाई करके हुए सफल : कहते हैं मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती और उन्हें कामयाबी मिलती ही है। इसे चरितार्थ किया है जिला मुख्यालय की वाल्मीकि बस्ती के सफाईकर्मी की बेटी ने।

सफाईकर्मी की बेटी प्रियंका नाहर RAS अफसर बने हैं। इनकी इस उपलब्धि इनके परिजनों समेत परिचितों, रिश्तेदारों में खुशी की लहर है। खुशी में ढोल- नगाड़े बजा कर इनका स्वागत कर रहे हैं। लोग इनके घर पहुंचकर इन्हें उज्ज्वल भविष्य की बधाईयां दे रहे हैं। जिले के होनहार बेटी ने यह सफलता 12-15 घंटे पढ़ाई कर प्राप्त की है।

RAS अधिकारी बनी प्रियंका नाहर पुत्री पवन नाहर ने बताया कि उसकी एस.सी. कैटेगरी में 4वी रैंक है। उसके मम्मी-पापा नगर परिषद में सफाई कर्मी है। प्रियंका ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता को दिया है। पहले प्रयास में ये सफलता मिली है। 1994 में जन्मी प्रियंका ने 2014 में बीएससी नेहरू कालेज से पास की थी। उसके बाद से RAS बनने की ठानी और लगातार 12 से 15 घंटे प्रति दिन पढ़ाई की। इसके लिए कोचिंग भी की। परिवार की आर्थिक स्थिति मध्यम श्रेणी की है।परिणाम जारी होने के बाद से ही वाल्मिकी समाज और रिश्तेदारों ने ढोल नगाडों से साथ प्रियंका को माला पहनाकर और साफा बांध कर मिठाई खिलाकर उसका सम्मान किया।

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