WHO ने भारत को चेताया, कहा- कोरोना वैक्सीन को लेकर राष्ट्रवाद की भावना में बहे तो नतीजे गंभीर होंगे

COVID-19 वैक्सीन को लेकर राष्ट्रवाद की भावना में बहे तो नतीजे गंभीर होंगे- WHO ने चेताया

कोरोनावायरस से पूरी दुनिया बुरी तरह प्रभावित है। आलम यह है कि पूरी दुनिया में अब कोरोना के 2 करोड़ 20 लाख से ज्यादा केस हैं, वहीं 7 लाख 77 हजार से ज्यादा जानें गई हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सभी देशों से अपील की है कि वे वैक्सीन राष्ट्रवाद से बाहर निकलें और सभी साथ आकर एक-दूसरे की मदद करें। WHO ने कहा कि कोरोना की संभावित वैक्सीन के निर्माण में जुटे देश अगर बाकियों को अलग-थलग कर देंगे, तो इससे हालात सिर्फ गंभीर होंगे।

गौरतलब है कि WHO ने अमीर देशों से अपील की थी कि वे 31 अगस्त तक कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने के लिए COVAX ग्लोबल वैक्सीन फैसिलिटी का हिस्सा बनें, ताकि उनकी बनाई वैक्सीन को विकासशील देशों के साथ भी साझा किया जा सके। WHO प्रमुख ने कहा था कि उन्होंने इसके लिए 194 सदस्य देशों को पत्र लिखा था।

WHO ने चिंता जताई है कि अब ज्यादातर देशों में कोरोना के मामलों के बढ़ने का कारण युवा लोग हैं, क्योंकि उनमें ज्यादातर जानते ही नहीं कि वे संक्रमित हैं। इससे उनके आसपास रहने वाले समूहों पर खतरा बना रहता है।

बता दें कि WHO की तरफ से अलग-अलग देशों से कोरोना वैक्सीन के साझाकरण कार्यक्रम में शामिल होने की अपील ऐसे समय में की गई है, जब यूरोपियन यूनियन (ईयू), ब्रिटेन, स्विट्जरलैंड और अमेरिका ने पहले ही वैक्सीन की खोज में जुटी कंपनियों से सौदे कर लिए हैं। रूस और चीन भी फिलहाल वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और WHO को शंका है कि सभी देश राष्ट्रहित की वजह से कोरोना को रोकने के वैश्विक मोर्चे में शामिल नहीं होंगे।

मौजूदा समय में WHO की कोवैक्स फैसिलिटी के लिए 92 कम आय वाले देशों ने रुचि दिखाई है। इसके अलावा 80 उच्च आय वाले देशों ने भी स्कीम को वित्तीय मदद देने में दिलचस्पी ली है। इसके बावजूद ज्यादातर बड़े देश अभी 31 अगस्त तक की डेडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *