जनसभा में बोले नीतीश: यदि बिहार में अपहरण और नरसंहार चाहते है तो लालू-राबड़ी को वोट दीजिए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर हमला बोला है। रविवार को डुमरांव में आयोजित जनसभा में सीएम नीतीश ने लालू राज की याद ताजा कराते हुए कहा कि अगर बिहार में फिर अपहरण, सामूहिक नरसंहार चाहते होंगे तभी हमें वोट नहीं देंगे। अगर फिर से बिहार से भागना चाहते होंगे, तभी वोट नहीं दीजिएगा। सीएम नीतीश ने कहा कि अगर बिहार में अमन-चैन चाहते हैं तो एनडीए उम्मीदवार को वोट दीजिए। अगर फिर से वो लोग सत्ता में आयेंगे तो अपहरण का उद्योग लगेगा।

नीतीश ने कहा कि हमलोगों को जब से सेवा करने का मौका किया तब से लगातार काम कर रहे हैं। हर समाज के लोगों के लिए हमने काम किया है। लोगों को आगे बढ़ाना हमारा लक्ष्य है।

हम लोगों ने बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दिया। हर जिले में पॉलिटेक्निक संस्थान, आईटीआई, एएनएम संस्थान बन रहा है। इतना ही नहीं अब तो मेडिकल कॉलेज बन रहे। 8 मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं तीन और बनने वाला है। नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोगों ने शिक्षा की पूरी व्यवस्था की है।

पति-पत्नी की सरकार में भयभीत थी जनता, अब न कहीं नरसंहार होता है, न कहीं अपहरण
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पति-पत्नी शासन की याद दिलायी। कहा कि आज अपराधी भयभीत हैं जबकि पहले जनता भयभीत रहती थी। अब न कहीं नरसंहार होता है न कहीं अपहरण। लोग निर्भीक होकर निवेश कर रहे हैं। अपराध के मामले में बिहार देश में 23वें नम्बर पर है।

नवीनगर, राजपुर, करगहर व दिनारा में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित सभाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पति-पत्नी की सरकार में व्यवसायी व डॉक्टर असुरक्षित महसूस करते थे। उन्हें दूसरी जगहों पर भागना पड़ता था। उन्हें काम करने में दिक्कतें हो रही थी। कुछ लोग माल भी वसूलते थे। मेरी सरकार सत्ता में आयी तो इनमें से कई लोग लौट कर आए, जिसे मैंने पटना में सम्मानित किया। उन्होंने लोगों को आगाह भी किया कि फिर मतदान देने में गलती हुई तो वही होगा।

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के लिए अपना परिवार ही सब कुछ है। लेकिन, मेरे लिए पूरा बिहार ही परिवार है। शुरू के पांच साल में जितना काम किया, उसके बाद दूसरे पांच साल में उससे अधिक व उसके अगले पांच साल में उससे भी अधिक काम किया। अभी और बहुत कुछ करना बाकी है। बावजूद इसके कुछ लोग भ्रम पैदा करते रहते हैं। बिना वजह कुछ न कुछ बयान देते रहते हैं।

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