बिहार के दरभांगा में पोखर से निकली अदभुत मछली, देखने उमड़ी भीड़

दरभंगा: ऐतिहासिक रामबाग परिसर के तालाब से मिली अद्भुत मछली

लोगों ने बताया कि ये मछली दरभंगा महाराज के राज चिह्न पंखवाली मछली से काफी हद तक मिलती है. वहीं, मछुआरा ने इस अद्भुत मछली को नहीं बेचने का फैसला लिया है.

जिले में एक मछली लोगों के कौतूहल का विषय बनी हुई है. दरभंगा राज के ऐतिहासिक रामबाग परिसर के तालाब से अजीबोगरीब रंग-रूप और संरचना वाली ये मछली मछुआरे गणपत सहनी के जाल में फंसी. तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा.

इस मछली का रंग काला है और शरीर पर भूरे रंग के छींट जैसे निशान हैं. पंख जैसी संरचना भी इसके शरीर पर बनी हुई है, जबकि इसका मुंह भी सामान्य मछली की तरह नहीं है. कुछ लोगों का ये भी कहना है कि ये मछली दरभंगा महाराज के राज चिह्न पंखवाली मछली से काफी हद तक मिलती है.

मछुआरे गणपत सहनी ने बताया वह रामबाग के गेट पर मछली की दुकान लगाता है. गुरुवार को ये मछली उसके जाल में फंसी थी. रामबाग परिसर स्थित तालाब में मछली मारने गया था. वहां से ये मछली मिली है. उसने कहा कि ऐसा लगता है कि ये मछली बाढ़ के पानी में बह कर इस तालाब में आ गई होगी

इस मछली का नाम उसे नहीं पता चल सका है. ऐसा लगता है कि ये जंगली मछली है. मछली को देखने के लिए दुकान पर लोगों की भीड़ लग रही है. वहीं, इस मछली को मछुआरा ने नहीं बेचने का फैसला किया है, बल्कि शो केस में संभाल कर रखेगा

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