लापरवाही : इस साल फिर डूब जाएगा पटना! लोगों के लिए आफत बनकर आ रहा मानसून

इस साल फिर डूब जाएगा पटना! लोगों के लिए आफत बनकर आ रहा मानसून

मौसम विभाग का अनुमान है की इस महीने की 13 तारीख़ तक बिहार में मानसून दस्तक देगा और 15 से 16 जून तक ये पटना भी पहुंच जाएगा. ऐसे में नालों की उराही का काम पूरा नहीं होना खतरे की घंटी है.

पटना. पिछले साल मानसून (Monsoon) में पटना (Patna) में हुए जलजमाव ने देश दुनिया में बिहार को सुर्खियों में ला दिया था. पटना के लगभग सभी इलाक़ों में जो जलप्रलय आया था जिससे लोगों को भारी नुक़सान उठाना पड़ा था. लेकिन इन ग़लतियों से भी पटना नगर निगम सीख नहीं ले रही है. पटना के नालों की सफ़ाई की जो समय सीमा थी वो कबकी निकल चुकी है, लेकिन अभी भी नालों की सफ़ाई का काम बचा हुआ है, जबकी एक दो दिनों में मानसून बिहार में दस्तक देने वाला है.

मौसम विभाग का अनुमान है की इस महीने की 13 तारीख़ तक बिहार में मानसून दस्तक देगा और 15 से 16 जून तक ये पटना भी पहुंच जाएगा. ऐसे में नालों की उराही का काम पूरा नहीं होना खतरे की घंटी है. कुछ महीने पहले पटना नगर निगम के आयुक्त बनकर आए हिमांशु शर्मा लगातार इसे लेकर बैठक भी कर रहे हैं. उन्होंने न्यूज़ 18 पर माना कि नाला उराही का काम अभी पूरा नहीं हो पाया है, लेकिन तीन से चार दिनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा.

कौन-कौन से हैं शहर के बड़े नाले

पटना से पानी निकालने के लिए नौ बड़े नाले हैं जिसकी सफ़ाई हर साल कराई जाती है. इन नौ बड़े नालों से 300 एमएलडी पानी निकलता है. दानापुर कैंट, दीघा नहर, कुर्जी नाला (राजीव नगर), राजापुर पुल (सर्पेंटाइन नाला), बांस घाट (मंदिरी नाला), कलेक्ट्रेट घाट (बाकरगंज नाला), सैदपुर नाला, योगीपुर नाला और बादशाही पईन, इन नालों की सफाई कराना नगर निगम के लिए अपने आप में बड़ी चुनौती है. हर साल इन नालों की सफाई भी पूरी तरह से नहीं हो पाती है. बादशाही पईन से राजेंद्र नगर और कंड़बाग से बांकीपुर तक का पानी निकाला जाता है. सबसे अधिक जलजमाव का इलाका भी यही है.

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