अब अयोध्या पर दावा ठोक रहा है नेपाल: पीएम ओली ने भारत पर लगाया ‘नकली राम मंदिर’ बनाने का आरोप

भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद के कारण चल रहे तल्खियों के बीच नेपाल के पीएम के.पी. शर्मा ओली ने का एक और विवादित बयान दिया है। बयान जितना विवादित है उतना ही हास्यास्पद।

दरसअल, इस बार नेपाल के प्रधानमंत्री ने भगवान राम और अयोध्या पर अपना दावा ठोकते हुए भारत पर नक़ली अयोध्या बनाने के साथ ही हिन्दू धर्म के ऊपर सांस्कृतिक अतिक्रमण करने का आरोप भी लगाया है।

चीन की भाषा में बात करते है नेपाली पीएम

बता दें कि नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है औऱ वहां के प्रधानमंत्री चीनी सरकार के दिशानिर्देशों पर काम कर रहे हैं। नेपाल में मधेशी (तराई क्षेत्र में रहने वाले लोग) पहले से ही सरकार द्वारा प्रताड़ित हैं। नेपाल चीन के इशारे पर भारत को हर तरफ से आँखें दिखा रहा है। चाहे वह उत्तराखंड के कालापानी का भूमि विवाद हो या फिर बिहार-यूपी के जमीन पर अपना हक जताना।

भूमि विवाद से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित

नेपाल ने लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए कानून भी बनाया है। साथ ही भारत से रिश्ता प्रभावित करने के उद्देश्य से यह कानून भी बनाया है कि कोई भी भारतीय लड़की जिसकी शादी नेपाल में होती है, उसको नेपाल में 7 वर्ष बिताने के बाद ही वहां की नागरिकता मिल पाएगी। इन कानूनों का मधेसी लोगों ने खासा विरोध किया, मधेसी नेताओं ने संसद में भी अपना विरोध दर्ज कराया।

अयोध्यावासी भगवान राम की शादी मिथिला में हुई थी:

अब अयोध्या और राम मंदिर को अपना हिस्सा बताकर, सांस्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगाना, समझ से परे है कि नेपाल के प्रधानमंत्री के पी ओली ने किस आधार पर यह बयान दिया है। नेपाल में यदि कोई दूसरा राम मंदिर या अयोध्या है तो आज तक प्रकाश में क्यों नहीं आया?

मिथिला की राजकुमारी से हुई थी श्री राम की शादी

बता दें कि भगवान श्री राम चन्द्र जी की शादी मिथिला की राजकुमारी, मिथिला नरेश महाराजा जनक की पुत्री सीता से हुई थी। ऐसा सनातन धर्म के महाकाव्यों में वर्णित है। खासकर रामायण में। वर्तमान में मिथिला क्षेत्र का आधा हिस्सा नेपाल में है तो वहीं आधा भूभाग भारत गणराज्य के बिहार प्रांत में है। नेपाल में रहने वाले मैथिलों को मधेसी कहा जाता है।

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