बिहार में महागठबंधन टूट गया , जीतन राम मांझी ने अकेले चुनाव लड़ने का किया एलान

सियासी यू टर्न लेने में माहिर जीतन राम मांझी ने एक बार फिर पलटी मार दी है. पटना में आज मांझी ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर भविष्य में अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. मांझी ने राजद-कांग्रेस गठबंधन के साथ अपने रिश्ते खत्म करने की घोषणा की है. हालांकि अंदर की बात ये है कि लालू के कुनबे की बेरूखी ने मांझी को ऐसा एलान करने को मजबूर कर दिया है.

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही महागठबंधन में टूट के संकेत मिल रहे है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तान अवाम मोरचा के प्रमुख जीतन राम मांझी के रुख से इस बात को बल मिलता दिख रहा है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने संकेत दिए है कि हिंदुस्तान अवाम मोरचा बिहार में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ सकती है. इसके तहत चुनाव में पार्टी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करेगी.

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पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को हिंदुस्तान अवाम मोरचा (हम) की सदस्यता अभियान शुरू करने के क्रम में मीडिया से बातचीत में कहा कि संभव हुआ तो उनकी पार्टी 2020 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. मांझी का मानना है कि पहले एनडीए इसके बाद बिहार के महागठबंधन ने उन्हें ठगा है. उन्होंने कहा कि कहने को उन्हें लोकसभा के चुनाव में तीन सीटें दी गयी, लेकिन सही मायने में तीन में से सिर्फ एक सीट पर उनका प्रत्याशी था. दो सीटों पर एक में कांग्रेस और एक में राजद के प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया गया. इसको लेकर उनकी पार्टी के अंदर सदस्यों में काफी आक्रोश है.

मांझी ने कहा कि पार्टी के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि पार्टी को स्वतंत्र पहचान के लिए अकेले ही चुनाव लड़ना चाहिए. बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी अक्टूबर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक के दौरान बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पर मंथन किया जायेगा.

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