चीन का नया टेलिस्कोप पता कर सकता है Alien यानों के बारे में, वैज्ञानिकों का दावा

चीन ने पिछले साल अपने सबसे बड़े रेडियो टेलिस्कोप को शुरु किया. इस टेलिस्कोप का मुख्य काम है एलियंस और उनका यानों की खोज करना. पिछले साल से ही इसकी तैयारी शुरु कर दी गई थी. ताकि एलियंस अगर धरती पर आएं या हमला करें तो उससे पहले दुनिया को पता चल जाए. अब वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि चीन का यह टेलिस्कोप एलियंस को खोज सकता है. वह उनके यानों की जानकारी भी जमा कर सकता है. (फोटोः पीडी चाइना)

फ्री यूनिवर्सिटी ऑफ त्बिल्सी में फिजिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. जाजा ओस्मानोव ने दावा किया है कि चीन का फाइव हंड्रेड अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप (Five-hundred-meter Aperture Spherical Radio Telescope – FAST) एलियंस यानों, एलियंस, एलियन रोबोट्स और एलियन यंत्रों को पहचान सकता है. जिन्हें वैज्ञानिक वॉन न्यूमैन प्रोब्स (Von Neumann Probes) कहते हैं. (फोटोः गेटी)

रोबोटिक यंत्र जो खुद की नकल बना सकें, ऐसे यंत्रों को सेल्फ रेप्लिकेटिंग एलियन रोबोट्स कहते हैं. यह थ्योरी गणितज्ञ जॉन वॉन न्यूमैन ने दिया था. इसलिए ऐसे एलियन रोबोट्स और यंत्रों को वॉन न्यूमैन प्रोब्स कहा जाता है. डॉ. जाजा ओस्मानोव ने प्री-प्रिंट साइट aRXiv पर इस टेलिस्कोप के बारे में एक लेख लिखा है. इस लेख को सबसे पहले साइंस की खबरें प्रकाशित करने वाली साइट यूनिवर्स टुडे ने देखा था. जिसमें जाजा कहते हैं कि वॉन न्यूमैन प्रोब्स के जरिए हम अत्याधुनिक सभ्यताओं को खोज सकते हैं.  (फोटोः पीडी चाइना)

डॉ. जाजा ओस्मानोव का कहना है कि ये बात सही हो सकती है कि अगर हजारों-लाखों की संख्या में एलियन रोबोट्स, यंत्र या यान धरती की तरफ आएंगे तो इंसानियत के लिए खतरा हो सकते हैं. क्योंकि हो सकता है कि ये यान खुद की नकल भी बना लें. अगर अपनी नकल बनाने के दौरान इन्होंने धरती से प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग किया तो इससे मानवजाति और पृथ्वी दोनों को बड़ा नुकसान हो सकता है. इसलिए चीन का FAST टेलिस्कोप हमें एलियंस की खोज करने में मदद कर सकता है. (फोटोः गेटी)

चीन के SETI प्रोजेक्ट के सीनियर साइंटिस्ट झांग तोंगजी ने बताया कि चीन ने पिछली साल सितंबर महीने में FAST टेलिस्कोप का संचालन शुरु किया था. तब उसने कहा था कि अब वह एलियंस की खोज शुरु करेगा. इसके लिए उसने इसी टेलिस्कोप का उपयोग शुरु कर दिया है. इस टेलिस्कोप का संचालन चीन के एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (SETI) के वैज्ञानिक करते हैं. FAST टेलिस्कोप का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था. जो 2016 में बनकर पूरा हुआ. इस टेलिस्कोप ने जनवरी 2020 में काम करना शुरू किया था.  (फोटोः पीडी चाइना)

SETI के वैज्ञानिकों ने पिछले साल मार्च में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें बताया था कि वो कैसे FAST टेलिस्कोप का उपयोग कर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने सबसे पहले यही काम किया कि कैसे रेडियो फ्रिक्वेंसी की वजह से होने वाली बाधाओं को हटाया जाए ताकि अंतरिक्ष की तरफ से धरती पर आने वाले एलियंस के सिग्नलों को खोजा जा सके. चीन के वैज्ञानिकों ने तब भी दावा किया था कि वो इस टेलिस्कोप की बदौलत एलियंस के साथ कम्युनिकेशन स्थापित कर पाएंगे.

चीन में इस साल यानी 2021 के जून महीने में एलियन यान (Alien Spacecraft) यानी UFO देखने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई थी. इसे ट्रैक करने के लिए चीन की सेना ने नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ट्रैकिंग सिस्टम भी बनाया था. हालांकि, चीन की सेना ने यह भी कहा है कि जरूरी नहीं कि ये एलियन यान ही हों लेकिन सुरक्षा की नजर से ट्रैकिंग जरूरी है. चीन की सेना ने ऐसी घटनाओं को अनआइडेंटीफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट (UFO) के बजाय अनआइडेंटीफाइड एयर कंडीशन (UAC) नाम दिया है. ठीक इसी तरह अमेरिकी सेना इसे अनआइडेंटीफाइड एरियल फिनोमेना (UAP) कहती है.  (फोटोः पीडी चाइना)

वुहान स्थित एयरफोर्स अर्ली वॉर्निंग एकेडमी के शोधकर्ता चेन ली ने बताया था कि पिछले कुछ सालों में पूरे देश में मिलिट्री और आम लोगों ने ऐसे अनजाने यानों और आकृतियों को आसमान में उड़ते हुए देखा है जिसे पहले कभी नहीं देखा गया. चीन के ऊपर इनकी उड़ानों और दिखने की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसकी वजह से देश की हवाई सुरक्षा को खतरा है. चेन ने 2019 में बीजिंग में हुए सीनियर इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस में भी यह बात लोगों को बताई थी. इसके बाद चीन की सेना यानी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वैज्ञानिकों ने इन एलियन यानों को ट्रैक करने के लिए AI आधारित ट्रैकिंग सिस्टम बनाया. (फोटोः गेटी)

चेन ने बताया कि AI का उपयोग एक अलग तरह का डेटा हमें देगा, जो सटीक होगा. क्योंकि यह पूरे देश से आने वाली खबरों के डेटा को एकसाथ रखेगा. उन्हें जोड़ेगा. समय और स्थान की डिटेल रखेगा. तस्वीरें और वीडियो संभालेगा. ताकि यह पता चल सके कि यह हवाई घटनाएं किसी दुश्मन देश की साजिश तो नहीं हैं. किसी एमेच्योर पायलट की उड़ान या प्राकृतिक रूप से दिखने वाली कोई अनजान चीज या कोई और वजह तो नहीं है. ऐसे यान अक्सर राडार को धोखा देकर उड़ते हैं. इनकी गति भी काफी ज्यादा होती है. इसलिए ये पलक झपकते ही गायब हो जाते हैं. ऐसे UFO का देखा जाना उस देश की लिए शर्मनाक साबित होता है जो इनकी ट्रैकिंग, तस्वीरें या वीडियो नहीं कर पाते. इसलिए आमतौर पर इन घटनाओं को गुप्त रखा जाता है. 19 अक्टूबर 1998 को हेबेई प्रांत के कांगझोउ मिलिट्री एयरबेस के ऊपर UFO उड़ते हुए देखे गए थे. (फोटोः गेटी)  

इस UFO को इंटरसेप्ट करने के लिए दो फाइटर जेट भेजे गए थे. ये UFO मिलिट्री एयरबेस के ऊपर कम ऊंचाई पर उड़ रहा था. इसके मशरूम के आकार के दो छोटे-छोटे पैर दिख रहे थे. इस एलियन यान के मध्य भाग से दो रोशनी की किरणें मिलिट्री एयरबेस पर छोड़ी जा रही थीं. जैसे ही चीन के एयरफोर्स फाइटर जेट्स इसके पास पहुंचे यह 20 हजार मीटर की ऊंचाई से भूत की तरह गायब हो गया. राडार से भी गायब और आंखों की सीमा से भी. (फोटोः गेटी)

चेन ली के मुताबिक चीन की PLA के पास ऐसे UFO के ट्रैक करने के लिए थ्री-टायर रिपोर्टिंग सिस्टम है. AI सारी जानकारी जुटाकर एक साथ पूरा एनालिसिस करके यह बताता है कि यह सच में एलियन यान था, या फिर कुछ और. कई बार सैन्य ठिकानों या राजनीतिक रैलियों के ऊपर किसी स्थानीय व्यक्ति द्वारा अनजाने में ड्रोन, या छोटे एयरक्राफ्ट भी उड़ा दिए जाते हैं. क्योंकि चीन में इनका प्रचलन पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ा है. जैसे ही ये वस्तुएं आसमाना में आती है, इनसे निकलने वाले चार्ज्ड पार्टिकल्स की वजह से राडार में इनकी तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है. मैन्यूअल तरीके से ऐसी घटनाओं की जांच करने में काफी समय लगता है, जबकि AI इसे जल्दी करके दे देता है. साथ ही हर पहलू की क्रॉस चेकिंग भी कर लेता है. (फोटोः गेटी)

जियान में मौजूद एक राडार साइंटिस्ट ने नाम ने बताने की शर्त पर बताया कि चीन के वायु क्षेत्र में एलियन यानों के बजाय इंसानी गतिविधियां ज्यादा बढ़ी हैं. चीन की सरकार ने कॉमर्शियल उड़ानों, ड्रोन्स आदि पर रोक के लिए जो नियम बनाए हैं वो काफी लचर और ढीले हैं. ड्रोन्स बेहद सस्ते और पॉपुलर होते हैं. लोग इन्हें फोटोग्राफी का शौक पूरा करने के लिए आसानी से खरीद लेते हैं. राडार साइंटिस्ट ने ये भी कहा कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी गतिविधियां बढ़ने की वजह से भी चीन ऐसे उड़ने वाली वस्तुओं पर गंभीरता से सोच रहा है. उनके लिए तैयारियां कर रहा है. क्योंकि ऐसे एलियन यानों के उड़ने की संख्या बढ़ी है, जिसे तत्काल एक्सप्लेन नहीं किया जा सकता. (फोटोः गेटी)

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