EXCLUSIVE : बीती 3 रातों से बारामूला शहर में धमाकों और फ़ायरिंग की आवाज़ सुन रहा था पूरा कश्मीर

Rahul koriya al : बीती तीन रातों से बारामूला शहर में धमाकों और फ़ायरिंग की आवाज़ पूरा शहर सुन रहा था. लेकिन सुबह जब लोग एक-दूसरे से मिलते तो ‘हाँ मैंने भी सुना था धमाका’ से ज़्यादा उनके पास कोई जानकारी नहीं होती. सम्पर्क के सारे माध्यम बंद हैं इसलिए वो ख़ुद इस बारे में पता नहीं कर पाते और टीवी देखते तो उनमें इन धमाकों या फ़ायरिंग का कहीं कोई ज़िक्र नहीं मिलता. ज़िक्र इसलिए नहीं होता क्योंकि प्रशासन ये आधिकारिक तौर से स्वीकार ही नहीं करता कि कहीं धमाका हुआ या फ़ायरिंग की नौबत आई. उन्हें शायद ऊपर से यही आदेश है कि जब तक बात हाथ से न निकल जाए ऐसी ख़बरों को रिपोर्ट मत करो और दोहराते रहो कि हालात सामान्य हो रहे है.लेकिन कल रात बारामूला शहर में ही बात हाथ से निकल गई. धमाके और मुठभेड़ में एसपीओ बिलाल शहीद हो गए और एसओजी के जाँबाज़ अफ़सर अमरदीप परिहार गंभीर रूप से घायल हैं. अमरदीप को व्यक्तिगत तौर से जानता हूँ. उनकी जाँबाज़ी और दिलेरी का उदाहरण दिया जाता है पूरी घाटी में. परसों शाम ही उनके साथ लम्बा समय बिताकर कल दिल्ली लौटा हूँ और कल रात ही वहाँ ये हादसा हो गया. इस मुठभेड़ में मोमिन गोजरी नाम का एक मिलिटेंट भी मारा गया जो कि बारामूला का ही रहना वाला है और लश्कर का सदस्य बताया जा रहा है.

पिछले दिनों बॉर्डर पर ज़बरदस्त शेलिंग हुई लेकिन ये भी कम रिपोर्ट की गई. कश्मीर में तैनात सुरक्षा बल के एक बड़े अधिकारी ने मुझे बताया था, ‘इतनी ज़्यादा शेलिंग का मतलब है कि पक्का घुसपैठ हुई है. उसी को कवर देने के लिए इतनी शेलिंग हो रही है.’ सुरक्षा बल अपना काम पूरी मुस्तैदी से कर रहे हैं और अपनी जान तक गँवा रहे हैं. लेकिन सरकार के इशारों पर टीवी मीडिया जो ‘आल इज़ वेल-आल इज़ वेल’ रटने का काम कर रहा है ये ज़्यादा ख़तरनाक है. मीडिया का ये रवैया कश्मीर में लोगों को और भी ज़्यादा आक्रोशित कर रहा है और देश भर के लोगों को लगातार भ्रमित कर रहा है.

ये समय सरकार का पिछलग्गू बनने का नहीं बल्कि सरकार पर दबाव बनाने का है. ताकि हमारे जवान और आम कश्मीरी दोनों ही इस ख़ूनी खेल की भेंट चढ़ जाने से बचाए जा सकें. फ़िलहाल साहसी अफ़सर अमरदीप परिहार की सलामती की दुआ कीजिए जो इस वक़्त अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.

लेखक : राहुल कोटियाल, वरिष्ठ पत्रकार(राहुल अभी अभी कश्मीर से लौटे हैं)

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