हैप्पी बर्थडे माही, आप जियो हजारों साल, हम बिहारियों को आप पर गर्व है, आप सच में रीयल हीरो हो
PATNA : भारतीय क्रिकेट टीम को एक नई पहचान देने वाले, टीम इंडिया को दो बार विश्व चैंपियन और पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाने वाले। दुनिया के सबसे सफल विकेटकीपरों व फिनिशर के रूप में शुमार महेंद्र सिंह धोनी आज पूरे 38 साल के हो गए हैं। एक सामान्य परिवार में पल बढ़कर टीम इंडिया का कप्तान बनने तक का उनका जीवन संघर्षमय रहा है। उन्होंने इस मुकाम को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की। उनके जीवन के उतार-चढ़ाव, संघर्ष और सफलता को देखते हुए उन पर बॉलीवुड में फिल्म भी बनाई गई (MS Dhoni an untold story)। उनके जीवन के कई पल व पहलू ऐसे हैं जिनपर फिल्म में ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया। आईए उनके जीवन के कुछ ऐसे ही पहलुओं पर गौर करें जिनके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
टीम इंडिया के सफलतम कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी को अप्रैल 2011 में टीम इंडिया को दूसरी बार विश्व खिताब दिलाने के बाद भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद दिया गया। वह कपिल देव के बाद यह सम्मान पाने वाले दूसरे क्रिकेटर थे। 1 नवंबर 2011 को इन्होंने कर्नल का पद संभाला। इसके बाद वो लगातार सक्रिय रूप से इस जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं। उन्होंने टेरिटेरियल आर्मी में पद लेने के बाद आगरा स्थित पैरा रेजीमेंट में एक सैनिक की तरह ट्रेनिंग भी पूरी की। धोनी ने प्रशिक्षण लेने के लिए खुद ही सेना को लिखा था। उन्हें पैरा प्रशिक्षण स्कूल (पीटीएस) में पैराग्लाइडिंग तथा स्काई डाइविंग का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने साल 2015 में ये ट्रेनिंग पूरी की। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पांच बार पैराशूट से जंप लगाई। धोनी ने चार बार 1200 फीट और एक बार 1600 फीट की ऊंचाई से जंप लगाने का साहस दिखाया था।
जब खास अंदाज में लिया पद्म भूषण : जब धोनी को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया। इस मौके पर वह सेना की वर्दी पहनकर परेड करते हुए मंच तक पहुंचे। पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जाना तो बड़ी बात थी ही लेकिन इसे आर्मी की वर्दी में रिसीव करके धोनी ने इस पर चार चांद लगा दिए। धोनी ने ऐसा कर यह बता दिया कि चाहे वर्दी किसी भी रंग की हो वो उसे पहनने में गौरान्वित महसूस करते हैं।
देवड़ी माता में है अटूट आस्था : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की भगवान में भी आस्था है। धोनी रांची से तकरीबन 80 किमी दूर देवड़ी माता के मंदिर में अक्सर जाया करते हैं। उनकी देवड़ी माता में अटूट आस्था है। वह अपने जीवन के खास दिनों- जैसे जन्मदिन या किसी प्रमुख दौरे या टूर्नामेंट से पहले माता के दरबार में माथा टेकने जरूर जाते हैं। जब तक धोनी बड़े स्टार नहीं बने थे तब तक इस मंदिर को ज्यादा लोग नहीं जानते थे। धोनी के वहां आने-जाने के बाद इस मंदिर को भी खूब सुर्खियां मिलने लगीं। साल 2011 में धोनी ने इसी मंदिर में विश्व कप विजय की मन्नत मानी थी।
बाइक्स हैं धोनी का पहला प्यार : महेंद्र सिंह धोनी को बाइक चलाने और बाइक कलेक्शन का शौक है। उनके बाइक्स के जखीरे में तकरीबन 30 बाइक्स हैं। इसमें उनकी पहली बाइक याम्हा वाईएक्स 100 से लेकर हार्ले डेविडसन जैसी बाइक्स शामिल हैं। उन्हें कई बार गृह नगर रांची में बाइक की सवारी करते हुए देखा जाता है। उनके इस कलेक्शन में दुनिया भर की कई जानी मानी सुपरबाइक्स और विंटेज बाइक्स मौजूद हैं।
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