IRS अधिकारी को पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करना पड़ा महंगा, देने होंगे 60 लाख रुपये

पटना: आईआरएस अधिकारी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी को पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करना महंगा पड़ा है। पटना हाईकोर्ट ने त्रिपाठी को पहली पत्नी अपर्णा त्रिपाठी को 6 सप्ताह के अन्दर बतौर क्षतिपूर्ति 50 लाख रुपये देने का निर्देश दिया है। यही नहीं ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की दूसरी पत्नी एडीएम श्वेता मिश्रा को भी 2 सप्ताह के अन्दर अपर्णा त्रिपाठी को 10 लाख रुपये देना है।

पटना हाइकोर्ट ने पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करने वाले एक आइआरएस अधिकारी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी को कड़ी फटकार भी लगाई है। मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा दायर अपील पर अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार को सुनने के बाद यह निर्देश दिया।

आरोप है कि इस आइआरएस अधिकारी ने अपनी पहली पत्नी अपर्णा त्रिपाठी के रहते हुए श्वेता मिश्रा से विवाह कर लिया। यह घटना तब की है, जब श्वेता मिश्रा छपरा में डिप्टी कलेक्टर के रूप में पदस्थापित थी। ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की पहली पत्नी को जब इस बात की जानकारी मिली तो उसने सारण के डीएम से पति की दूसरी पत्नी श्वेता मिश्रा के बारे में शिकायत की। इस संबंध में मिली शिकायत की जांच डीएम ने कराई तो मामला सही पाया गया।

बाद में सरकार ने भी इस तरह की शिकायत मिलने के बाद श्वेता मिश्रा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया गया था। इस बर्खास्तगी के आदेश को उन्होंने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

विभागीय आदेश को श्वेता मिश्रा ने हाइकोर्ट में चुनौती दी। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों को अदालत में बुलाया था। दिन भर की चली लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने पहली पत्नी को क्षतिपूर्ति के रूप में कुल 60 लाख रुपये देने का निर्देश पति और दूसरी पत्नी को दिया। हालांकि एकलपीठ ने श्वेता की बर्खास्तगी को असंवैधानिक करार दे दिया था।

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